जयपुर: कोरोना काल में काम के दौरान कई पटवारी अपनी जान तक गंवा चुके हैं. इसके बावजूद भी कंधे से कंधे मिलाकर सरकार के साथ प्रदेश भर के पटवारी काम कर रहे हैं.
राजस्थान पटवार संघ (Rajasthan Patwar Sangh) के बैनर तले प्रदेश के हजारों पटवारी पिछले 17 महीनों से अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र कुमार निमिवाल ने बताया कि 15 फरवरी से शहीद स्मारक पर लगातार धरना-प्रदर्शन चल रहा था लेकिन सरकार की ओर से कोरोना गाइडलाइन जारी करने और लॉकडाउन आदेश के बाद राजस्थान पटवार संघ ने जयपुर के शहीद स्मारक पर चल रहे धरना-प्रदर्शन को स्थगित कर दिया. 15 जनवरी से राजस्थान पटवार संघ ने अतिरिक्त पटवार मंडलों का कार्य बहिष्कार जारी करने का निर्णय लिया, लेकिन इन अतिरिक्त पटवार मंडलों में आज भी पटवारियों की ओर से कोरोना संबंधित कार्य लगातार किए जा रहे हैं.
राजेंद्र कुमार निमिवाल ने बताया कि पिछले साल लॉकडाउन से लेकर अबतक पटवारी लगातार सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए काम कर रहे हैं. पिछले साल मजदूरों के पलायन को रोकने और उन्हें उनके घर तक पहुंचाने का कठिन काम भी पटवारियों ने बखूबी किया था. जिसे प्रशासनिक अधिकारियों ने भी सराहा था. कोरोना काल में कई पटवारी कोरोना संक्रमित हुए. इनमें से कुछ पटवारी रिकवर हो चुके हैं. कुछ अब भी कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. कुछ पटवारियों की कोरोना से लड़ते हुए मौत भी हो चुकी है. इसके बावजूद भी पटवारी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे हैं.
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कोरोना काल में ये जिम्मेदारी निभा रहे पटवारी
⦁ प्रशासन के अलग-अलग स्तर पर बने कंट्रोल रूम में लगातार सेवाएं
⦁ गांव-शहरों में क्वॉरेंटाइन सेंटर पर व्यवस्था और देखभाल का काम
⦁ कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बनी ग्राम स्तरीय कोर कमेटी के सह संयोजक के रूप में काम
⦁ होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की निगरानी भी कर रहे हैं पटवारी
⦁ कोरोना टीकाकरण और जरूरतमंदों के लिए भोजन और दूसरी व्यवस्था के लिए भामाशाह को दान देने के लिए प्रेरित कर रहे. पिछले लॉकडाउन में भी पटवारियों ने इस काम को बखूबी अंजाम दिया था.