करौली.जिले के मंडरायल डांग क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कैलादेवी वन अभ्यारण में खनन माफियाओं ने अभ्यारण क्षेत्र के पहड़ों को जेसीबी चलाकर छलनी कर दिया हैं. साथ ही ग्रामीणों ने अधिकारियों पर खनन माफिया द्वारा किये जा रहे अवैध खनन को लेकर अवगत कराने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि मंडरायल डांग क्षेत्र के कैलादेवी वन अभ्यारण के पहाड़ों पर खनन माफिया दिनदहाड़े जेसीबी चलाकर पहाड़ियों को छलनी करते जा रहे हैं, लेकिन वन विभाग के अधिकारी ऐसे खनन माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाए गहरी नींद में सोए हुए हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च कर चारदीवारी का कार्य वन विभाग द्वारा करवाया जा रहा है, लेकिन खुद वन विभाग के अधिकारी ही अपने वन क्षेत्र के अंतर्गत की पहाड़ियों से जेसीबी के माध्यम से अवैध खनन करवाते हुए पहाड़ियों को खोखला करने में लगे हुए हैं.
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बता दें कि अवैध खनन को लेकर पूर्व में भी कई बार मीडिया में खबरें प्रकाशित हुई थी, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों के नींद नहीं खुलने से आज तक कोई भी कारवाई अवैध खनन माफियाओं के विरुद्ध नहीं की गई है, जिसके कारण अवैध खनन माफियाओं के हौसले बुलंद बने हुए. ग्रामीणों ने वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि मंडरायल क्षेत्र के शैली वाले हनुमान मंदिर से लेकर भटपुरा गांव की श्मशान घाट तक महज 500 मीटर की दूरी की चारदीवारी का निर्माण करवाने का काम विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने ही चेहते लोगों से करवाया जा रहा हैं और चारदीवारी के लिए काम आने वाले पत्थर भी ठेकेदार द्वारा वन विभाग की पहाड़ियों से अवैध खनन करने के साथ ही चारदीवारी के निर्माण कार्य में घटिया किस्म की सामग्री उपयोग में लेकर लीपापोती करके निर्माण कार्य करवाया जा रहा है.