बांसवाड़ा.घाटोल उपकरण क्षेत्र में रविवार देर रात आए बवंडर ने तीन गांवों के जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया. तेज तूफान के साथ बारिश के कारण करीब 15 सौ से अधिक पेड़ उखड़ गए, जिससे आने-जाने के मार्ग अवरुद्ध हो गए. वहीं, 5 सौ से अधिक मकान तहस-नहस हो गए.
बांसवाड़ा के घाटोल में बवंडर...डेढ़ हजार पेड़ उखड़े...कई मकान तहस-नहस
राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रकृति का कहर जमकर बरपा है. जहां घाटोल में आए बवंडर ने कई घरों को तबाह कर दिया और मवेशियों की जानें ले ली.
जानकारी के मुताबिक मियासा, पाडला व मुदासेल ग्राम पंचायत में तेज बारिश के साथ आए बवंडर से हजारों पेड़ धराशाई हो गए. वहीं, करीब 12 सौ मकान श्रतिग्रस्त हो गए. इस दौरान एक महिला के गंभीर घायल, चार मवेशियों की पेड़ व मकान के मलबे में दबकर मरने की बात सामने आ रही है. बवंडर से कई विशाल पेड़ गिर जाने से गांव के सभी मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गए, साथ ही बिजली के पोल श्रतिग्रस्त होने से गांव में बिजली गुल हो गई. ग्रामीणों ने बताया कि तेज मूसलधार बारिश के साथ आए बवंडर से ग्रामीण डरे-सहमे इधर-उधर भागने लगे. जगह-जगह पेड़ गिरने व मकानों के शेड उड़ जाने से लोगों को बचाव करना मुश्किल हो गया.
आलम ये था कि लोगों ने अपने घरों से बाहर निकलकर उड़ा ले जाने वाले बवंडर से बचने के लिए बड़ी-बड़ी चट्टानों के सहारे व गड्ढों में दूबक कर अपनी जान बचाई. करीब आधे घंटे के भीतर बवंडर ने मियासा, पाडला व मुडासेल के कई गांवों को तहस-नहस कर दिया. बवंडर के जाने के बाद पूरी रात लोग अपने श्रतिग्रस्त मकानों में छुपे रहे. सोमवार सुबह प्रशासन को इसकी सूचना मिलते ही घाटोल विधायक हरेन्द्र निनामा समेत तहसीलदार और विकास अधिकारी मौके का जायजा लेने गांव पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया. इस दौरान प्रशासन ने ग्रामीणों को सरकार से हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया. घाटोल के उपखंड अधिकारी की मानें तो सूचना के बाद नुकसान का आकलन करवाया जा रहा है और मार्गों को सुचारू करने के लिए रास्तों से पेड़ों को हटवाया जा रहा है.