उदयपुर.पेयजल किल्लत की समस्या को लेकर राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष और उदयपुर शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. सोमवार को मीडिया से बात करते हुए उदयपुर में बिगड़ती पेयजल व्यवस्था को लेकर कटारिया ने कहा कि जब हमारी सरकार सत्ता में थी तो हमने उदयपुर की पेयजल समस्या को ध्यान में रखते हुए बड़ी झील को उदयपुर से जोड़ने के कार्य की शुरुआत की. लेकिन प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद इस काम को रोक दिया गया.
पेयजल किल्लत के लिए प्रदेश की गहलोत सरकार जिम्मेदार : कटारिया
उदयपुर में पेयजल समस्या खड़ी हो गई है, लेकिन अब नगर निगम में हमारे बोर्ड द्वारा जनता की प्यास बुझाई जाएगी. यह कहना है राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का. वहीं, उन्होंने इस स्थिति के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
कटारिया यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने अपनी सरकार के वक्त किए गए कार्यों का लेखा-जोखा रखने के साथ ही कहा कि प्रदेश में भीषण गर्मी के दौरान पेयजल समस्या से निपटने के लिए एक्शन प्लान बनाया जाता है. लेकिन राजस्थान की सरकार ने प्लान अब तक नहीं बनाया. वहीं, पूर्व भाजपा सरकार में अपने मंत्रालय का हवाला देते हुए कटारिया ने कहा कि मैंने आपदा राहत के लिए 10 करोड़ की राशि स्वीकृत की थी और अब उदयपुर नगर निगम को मैंने आदेश दिए हैं कि आम जनता की प्यास बुझाने के लिए इस राशि का उपयोग किया जाए.
उन्होंने आगे कहा कि हर घर में टैंकर के माध्यम से पानी पहुंचाया जाए, क्योंकि झीलों की नगरी के बाशिंदे प्यासे नहीं रहने चाहिए. वहीं, अब देखना होगा कि राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के इस बयान पर कांग्रेसी नेता किस तरह पलटवार करते हैं. क्योंकि बिगड़ती पेयजल व्यवस्था के लिए कटारिया ने सीधे तौर पर प्रदेश की गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.