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स्टाम्प पेपर पर लिखकर दिया...AIIMS में नौकरी पक्की, 3 युवकों से ठगे 5.3 लाख रुपए

जोधपुर एम्स (Jodhpur AIIMS) में वार्ड बॉय की नौकरी (ward boy job) दिलवाने के नाम पर ठगों ने तीन युवकों से 5 लाख 30 हजार रुपए ठग (fraud) लिए. नौकरी नहीं मिलने पर पीड़ितों ने पुलिस थाने में शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं होने पर न्यायालय की शरण लेनी पड़ी. अब न्यायालय के आदेश (court order) के बाद पुलिस मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.

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जोधपुर एम्स में नौकरी लगवाने के नाम पर 5.3 लाख रुपए की ठगी

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Published : Jun 16, 2021, 8:50 AM IST

जोधपुर.सरकारी नौकरी के नाम पर लोगों के साथ ठगी (Fraud) होती रहती है, लेकिन जोधपुर में अब एक रोचक मामला सामने आया है, जिसमें ठगों ने तीन युवकों को 500 रुपए के स्टांप पर लिख कर दिया कि वह उनकी नौकरी जोधपुर एम्स (Jodhpur AIIMS) में वार्ड बॉय के पद (Ward Boy Job) पर लगा देंगे, लेकिन लंबा समय निकलने के बाद भी झांसेबाजों ने अपना वादा पूरा नहीं किया तो आखिरकार तीनों युवकों को पुलिस की शरण में आना पड़ा. अब कुड़ी भगतासनी थाना पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

खास बात यह है कि पीड़ित और झांसे बाज एक दूसरे के परिचित है और साथ रहते थे. कुड़ी भगतासनी थाना पुलिस के अनुसार जोधपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले भागीरथ सिंह राजपुरोहित, वीरेंद्र सिंह राजपुरोहित और सुखदेव सिंह राजपुरोहित झालामंड में एक मकान में किराए पर रहते हैं. उसी मकान में किराए पर रहने वाले बिलाड़ा के भगसानी निवासी महेंद्र कुमार सुथार और भरत सिंह जोधा से उनकी मुलाकात हुई. महेंद्र और भरत ने भागीरथ सिंह से कहा कि उनकी जोधपुर एम्स में बड़ी जान पहचान है और वे वार्ड बॉय की नौकरी दिला देंगे.

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ईश्वर भागीरथ सिंह ने अपने साथी विरेंद्र सुखदेव सिंह से भी बात की और लंबी बातचीत के बाद अप्रैल 2019 में 5 लाख 30 हजार में तीनों को जोधपुर एम्स में वार्ड बॉय की नौकरी दिलाने का सौदा हुआ. विश्वास दिलाने के लिए महेंद्र और भरत सिंह ने 500 के स्टांप पर लिख कर दिया कि तीनों को वार्ड बॉय की नौकरी दिलवा देंगे और 5 लाख 30 हजार रुपए ले लिए, लेकिन ज्यो-ज्यो समय निकला तो दोनों झांसे देने लगे. कई बार वापस रुपये भी मांगे, लेकिन भरत और महेंद्र झांसा देते रहे. इसको लेकर पीड़ित ने पुलिस के पास भी गए, लेकिन पुलिस में उनकी सुनवाई नहीं हुई तो थक हार कर न्यायालय की शरण में गए. अब न्यायालय के आदेश (court order) पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.

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