अजमेर. जिले के जवाजा थाना क्षेत्र के काबरा गांव में भालू के आतंक की सूचना पर उसे पकड़ने पहुंची अजमेर वन विभाग की टीम पर भालू ने हमला कर दिया. अचानक हुए हमले में वनकर्मियों में भगदड़ मच गई. इसमें जिला वन अधिकारी सुदीप कौर जख्मी हो गई हैं. उनके हाथ में चोट आई है. उन्हें अजमेर में पुष्कर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
भालू के हमले से अजमेर वन अधिकारी जख्मी जिला वन अधिकारी सुदीप कौर पर ब्यावर के निकट एक भालू ने उस वक्त हमला कर दिया जब ग्रामीणों की शिकायत पर वह अपने दल के साथ भालू को पकड़ने पहुंची थी. भालू को ट्रैंकुलाइजर गन से इंजेक्ट करने की कोशिश की गई. इस दौरान भालू बेकाबू हो गया और उत्पात मचाने लगा, जिससे मौके पर मौजूद दल में अफरा-तफरी मच गई.
पढ़ें-राजस्थान में जेल से छूटने वाली महिला बंदियों के लिए रोजगार उपलब्ध करवाएगा जेल मुख्यालय, जयपुर से होगी शुरुआत
जानकारी के अनुसार इस बीच भालू ने जिला वन अधिकारी पर हमला बोल दिया, जिससे सुदीप कौर जमीन पर गिर गई. उनके हाथ पर भालू के नाखून लगने से जख्म हो गए. इसके बाद वन अधिकारी सुदीप कौर को उपचार के लिए अजमेर के निजी अस्पताल में लाया गया, जहां चिकित्सकों ने ऑपरेशन के बाद उन्हें आराम करने की सलाह दी है. सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर विश्व मोहन भी अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी ली. भालू के आतंक से ब्यावर के निकट कई गांव में दहशत व्याप्त है.
बताया जा रहा है कि अजमेर वन अधिकारी सुदीप कौर को सूचना मिली थी कि शनिवार अलसुबह शौच के लिए घर से बाहर गई महिला हंसा देवी पर भालू ने हमला कर दिया. हमले में महिला घायल हो गई. इस दौरान महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर गांव वाले मौके पर एकत्रित हो गए. ग्रामीणों को देखते ही भालू जंगल में छुप गया. घटना के बाद ग्रामीणों ने घायल महिला को उपचार के लिए राजकीय चिकित्सालय जवाजा में भर्ती करवाया है. बाद में प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई.
वहीं, ग्रामीणों ने आसपास के जंगल में भालू की तलाश की, लेकिन उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. उसके बाद भालू की मूवमेंट थूनी थाक गांव की ओर पाई गई. यहां पर भी भालू ने खेत की ओर जा रहे थूनी थाक निवासी पिंटू सिंह और हीरा सिंह पर भी हमला करने का प्रयास किया, लेकिन दोनों ने दौड़कर अपनी जान बचाई. दोनों के चिल्लाने और गांव वालों के एकत्रित हो जाने के कारण भालू पुनरू जंगल की ओर ओझल हो गया.
पढ़ें-अलवरः ईट भट्टे के मुनीम ने मजदूरों से की मारपीट
ग्रामीणों की सूचना के बाद वन नाके से राकेश मालाकार अपनी टीम के साथ पहुंचे और उच्चाधिकारियों को सूचना दी. नाके की टीम ने भी भालू को ढूंढने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं मिला. इस दौरान डीएफओ सुदीप कौर, फोरेस्टर राजूराम मेघवाल, भगवान, सहायक फोरेस्टर भरत तथा गार्ड सुधीर और रामेन्द्र के साथ थूनी थाक पहुंचे और भालू की तलाश शुरू की. लेकिन दोपहर तक उसके बारे में किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं मिली.
इसके बाद वन विभाग जयपुर से एक टीम ट्रैंकुलाइजर गन के साथ थूनी थाक पहुंची. टीम में डॉ. अरविन्द माथुर, सुरेश चौधरी और चालक राजेन्द्र ढ़ाका शामिल थे. जयपुर से आई टीम ने भी भालू की तलाश शुरू की, लेकिन देर शाम तक भालू को नही ढूंढा जा सका. उधर ग्रामीणों पर हुए हमले के बाद आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में दहशत व्याप्त है. फिलहाल भालू को पकड़ने में सफलता नहीं मिल पाई है.