अजमेर. पिछले साल लॉकडाउन में ग्रामीणों और दूसरे राज्यों से रोजगार बंद होने के बाद गांव लौटे श्रमिकों के लिए वरदान बनी महात्मा गांधी नरेगा योजना इस साल भी गांवों में बड़ा सहारा बन कर उभरी है. राज्य सरकार द्वारा अनुमति दिए जाने के मात्र 3 दिन में जिले में मनरेगा के तहत 297 गांवों में व्यक्तिगत और सामुदायिक श्रेणी के 1493 काम शुरू करवा दिए गए हैं. इन पर 12 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है.
कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि हाल ही में राज्य सरकार की ओर से अनुमति मिलने के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के माध्यम से जिले के गांवों में काम शुरू करवा दिए गए हैं. जिले में 325 में से 297 ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक श्रेणी के कार्य शुरू करवाए गए हैं. उन्होंने बताया कि जिले की विभिन्न पंचायत समितियों में 12027 श्रमिकों को रोजगार मिला है. अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति की 41 ग्राम पंचायतों में 128 कामों पर 1156 श्रमिक नियोजित किए गए हैं. इसी तरह अरांई की 20 ग्राम पंचायतों में 77 कामों पर 1170, भिनाय की 25 ग्राम पंचायतों में 135 कामों पर 613 श्रमिक लगाए गए हैं। इसी तरह जवाजा की 31 ग्राम पंचायतों में 107 कार्यों पर 735, केकड़ी की 20 पंचायतों मे 314 कामों पर 1214, मसूदा की 37 ग्राम पंचायतों में 133 कार्यों पर 1700 श्रमिक, पीसांगन की 23 ग्राम पंचायतों में 60 कामों पर 987, सरवाड़ की 25 पंचायतों मे 83 कामों पर 802 श्रमिक, सावर की 18 ग्राम पंचायतों 293 कार्यों पर 1357 ,श्रीनगर की 24 पंचायतों में 75 कामों पर 1140 तथा सिलोरा की 33 पंचायतों में 88 कामों पर 1153 श्रमिक लगाए गए हैं.
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