'गमक' में बुंदेली गीतों की गमक, गायक गया प्रसाद प्रजापति ने बांधा समां - bundeli song
भोपाल। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में आयोजित कला विविधताओं का प्रदर्शन गमक में रायसेन के बुंदेली गायक गया प्रसाद प्रजापति ने शानदार गीतों की प्रस्तुति दी. प्रस्तुति की शुरुआत गजानंद वंदना से हुई, उसके बाद 'सब विघ्न हटा दो दाता' ,'गणपति काया गीत याद रखो बा दिन की', 'सखियों की बातचीत मेरो गायों चराबो मारो रे', शिव भजन भजन में मगन रहे. 'जा को भूखन मरे बेलवा' ,'चेतावनी पुत्ररिया रट ले रि पिंजरा में बैठे', राम देवगीत 'कौन की बाजे रे सदा शिव बांसुरी' ,कृष्ण गीत 'तेरो छलिया मुरलिया वारो री', राधा कृष्ण तकरार 'मैं बारो मेरी बारी उमर', 'निखन्ने में सो गई निंदिया के मारे', 'मैं तो हो गई बेहाल बंसी बजाई घनश्याम ने', वर्षा गीत 'सांवरिया ने तंबूरा ताने आदि गीत प्रस्तुत किए और सखी सैंया तो खूबत कमात है लोकगीत से अपनी प्रस्तुति को विराम दिया.