एमपी में विकास की बहार! कंधे पर शव लिए घुटने तक कीचड़ भरे रास्ते से गुजरने की मजबूरी
अशोकनगर। जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर मोहरी सोनेरा गांव में शासन की योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है, आलम ये है कि शव को मुक्तिधाम तक ले जाने के लिए कीचड़ भरे रास्तों (Muddy Road For Last Rites) से गुजरना पड़ रहा है. जिले की 334 पंचायतों में हर गांव के लिए मुक्तिधाम में छत एवं मुक्तिधाम तक जाने के लिए रास्ता बनाने का काम पंचायतों द्वारा कराया जा रहा है, लेकिन कई गांव आज भी ऐसे हैं, जहां श्मशान घाट तक जाने का रास्ता ही नहीं है, जबकि कहीं शेड का इंजताम नहीं है. मोहरी सोनेरा गांव के मंदिर के पुजारी नीरज शर्मा की बहन का बीमारी के चलते निधन हो गया था, जिसके शव के अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीण घुटनों तक कीचड़ भरे रास्ते से होकर गुजरे. इसके अलावा भी श्मशान घाट पर अंत्येष्टि के लिए जो टीन सेट लगा है. उसके चारों ओर खाली जगह तक नहीं है, आस-पड़ोस पानी भरा है , जो टीन सेट लगा है, वह भी चबूतरा समेत क्षतिग्रस्त हो चुका है. पर कोई सुध लेने वाला नहीं है.