बंदर की मौत पर रोया पूरे गांव, निकली गई अंतिम यात्रा - Example of love between man and animal
राजगढ़। जिले में इंसान और जानवर के बीच प्रेम की मिसाल एक बंदर बना है. जनपद के अंतर्गत आने वाले राजपुरा गांव में एक बंदर की मौत पर पूरा गांव रोया और उसकी अंतिम यात्रा कुछ इस तरह निकाली मानो गांव के किसी वरिष्ठ व्यक्ति का निधन हो गया हो. गांव के घर-घर से लोगों के रोने की आवाजें आ रही थी और डीजे के साथ बैंडबाजों के रामधुन पर बंदर की अंतिम यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में पुरुष वर्ग के साथ ही बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई. राजगढ़ से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजपुरा गांव में एक बंदर का आकस्मिक निधन हो गया. यह बंदर गांव में यहां वहां घूमता रहता था, जिससे लोगों का जुड़ाव भी बंदर के साथ हो गया था. जब उसका निधन हुआ तो गांव के लोगों ने उसे एक परिवार के सदस्य की तरह ही विदाई दी. हिंदू रीति रिवाज के अनुसार पहले बंदर की शव यात्रा पूरे गांव से निकली गई. उसके बाद बैंड बाजों और डीजे के साथ रामधुन बजाई गई और रीति रिवाज के साथ बंदर का अंतिम संस्कार किया गया.