आम जैसे चूस डाली हमको महंगाई, हम तो आम जनता जियें कैसे भाई... - मंहगाई पर लोकगीत
शहडोल। महंगाई की मार से आम जनता त्रस्त है. आलम ये है कि इस बढ़ती महंगाई का दर्द आम जनता पर साफ देखने को मिल रहा है. महंगाई की बात हो तो कोई बातों ही बातों में गुस्सा निकाल दे रहा है. कोई सरकार को कोस रहा है, तो कोई अपनी लाचारी बता रहा है. इस बढ़ती महंगाई को देखते हुए, शहडोल जिले के सिंहपुर गांव के रहने वाले एक कवि मृगेंद्र श्रीवास्तव 'तन्हा' ने लोकगीत लिखकर और उसे बेहद ही रोचक तरीके से गाकर महंगाई का असर किस तरह से आम लोगों पर पड़ रहा है. इस आदिवासी बाहुल्य जिले की जनता किस तरह से परेशान है. उसे बताने की कोशिश की है. सुनिए आप भी ये रोचक लोकगीत.