महाकाल के साथ मनाया धन तेरस, गुरुवार को रूप चौदस और दिवाली एक साथ मनेगी
उज्जैन। दीपोत्सव का पर्व सबसे पहले राजा महाकाल के आंगन में मनाया जाता है. इस बार चतुर्दशी और अमावस्या एक ही दिन होने से एक दिन पहले बनाई जानी वाली राजा महाकाल की दिवाली अब गुरूवार को सुबह 56 भोग के साथ मनेगी. प्रजा शाम को दीपावली उत्सव का आंनद लेंगे. उज्जैन रूप चौदस के दिन होने वाला भगवान को अभ्यंग स्रान अब गुरुवार को सुबह भस्म आरती के समय होगा. बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में दीपावली का पर्व एक दिन पहले चौदस के दिन मनाने की परम्परा है. लेकिन दीपो उत्सव के दो दिन पहले ही महाकाल के आंगन में पुजारी परिवार ने महाकाल के साथ दीपावली मनाकर दीपावली की शुरुआत की. मंगलवार धन तेरस पर संध्या आरती के दौरान पुजारी और पुरोहितो ने मिलकर भगवान के साथ गर्भ गृह में फुलझड़िया जलाकर दीपावली मनाई.