बाबा महाकाल की नगरी में संत ने त्यागा अन्न, शिप्रा नदी की शुद्धिकरण की मांग - संत ने शिप्रा नदी की शुद्धिकरण के लिए अन्न त्यागा
उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी में पवित्र कल-कल बहने वाली मोक्ष दायनी मां शिप्रा नदी के शुद्धिकरण को लेकर एक बार फिर संत समाज में आक्रोश है. निर्मोही अखाड़े से महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान दास महाराज अन्न त्याग कर अनशन पर बैठ गए हैं. जिनका गुजरात से आये संत भी साथ देते नजर आये. स्वामी ज्ञान दास का कहना है कि बाबा महाकाल की कृपा है कि हम उज्जैन में निवास करते हैं और उज्जैन में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन को मां शिप्रा नदी में स्नान को पहुंचते हैं. उन्होंने बताया कि मां शिप्रा की दुर्दशा को लेकर मैंने पिछले साल नवंबर में अन्न त्याग कर अनशन शुरू किया था. अनशन कई दिनों चला मेरे साथ 13 अखाड़ों के संत जुड़े और प्रशासन ने हमें आश्वासन दिया कि हम शुद्धि करण के कार्य में गति लाएंगे. उनके अनुरोध पर व दबाव में आकर मैंने अनशन खत्म किया, लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कदम मां शिप्रा शुद्धिकरण के लिए नहीं लिए गए. मां शिप्रा जस की तस हैं. महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानदास महाराज ने कहा कि झूठे आश्वासन देख चुका हूं. अब दोबारा मां शिप्रा के शुद्धिकरण के लिए अनशन की शुरुआत कर रहा हूं और प्रण लेता हूं कि कोई भी आश्वासन देने आएगा तो मैं उसके आश्वासन को नहीं मानूंगा. अन्न ग्रहण भी नहीं करूंगा, सिर्फ लिक्विड ही मेरा भोजन होगा. (ujjain mahakaleshwar temple) (saint demanded purification of maa shipra river) (saint left food in ujjain)
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:31 PM IST