जबलपुर में आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं की हड़ताल, टीकाकरण होगा प्रभावित
जबलपुर। चुनाव के पहले कर्मचारी अपनी सैलरी बढ़ाने के लिए सरकार पर दबाव बनाते हैं. इस बार स्वास्थ्य विभाग की सबसे निचली इकाई आशा-ऊषा कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक हड़ताल पर हैं. इनका कहना है कि, आशा कार्यकर्ताओं को 10 हजार प्रति माह और सहायक को 15 हजार प्रति माह दिया जाए. यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो आशा ऊषा कार्यकर्ता लगातार हड़ताल पर रहेंगी. फिलहाल आशा कार्यकर्ताओं को महीने का लगभग 3 हजार मिलता है. जबलपुर में इन लोगों ने गांधी स्मारक पर धरना देकर अपनी बात सामने रखी है. आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि, जबलपुर में मीजल्स रूबेला वायरस फैला हुआ है. इसकी वजह से खासतौर पर बच्चों को परेशानी हो रही है. इसके टीके लगने बहुत ज्यादा जरूरी हैं यदि टीके नहीं लगे तो इसकी भयावहता बढ़ सकती है, लेकिन सरकार आशा ऊषा कार्यकर्ताओं की मांग नहीं मानती है तो वह ये टीके नहीं लगाने जाएंगी. जनता को जो परेशानी होगी उसकी जिम्मेदार सरकार होगी.