38 Years of Bhopal Gas Tragedy: पढ़िए ईटीवी भारत पर त्रासदी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी कहानियां
भोपाल। भोपाल गैस कांड के 38 बरस पूरे हो रहे हैं. विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी 1984 में 2-3 दिसंबर की दरमियानी रात को घटित हुई थी, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी और कई हजार लोग आज भी इस गैस त्रासदी का दंश झेल रहे हैं. भोपाल गैस कांड के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री परिसर में मौजूद साढे़ तीन सौ टन कचरा फैक्ट्री में ही दफन है, जिसको नष्ट करने को लेकर अंतिम निर्णय आज तक नहीं हो पाया है. सरकारों ने दावे और वादे तो बहुत किए, लेकिन आज भी इस त्रासदी से पीड़ित लोग उचित इलाज और मुआवजा की लड़ाई लड़ रहे हैं. सरकार 90 फीसदी लोगों को इस गैस की वजह से आंशिक प्रभावित मानती है. जबकि, हकीकत कुछ और ही है. गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन के मुताबिक 70 प्रतिशत लोग एमआईसी गैस के चलते पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो आंकड़े पेश किए हैं, उसके मुताबिक ऐसी जानलेवा गैस से केवल 5,000 लोगों की मौत हुई है. वहीं, संगठनों का कहना है कि अब तक इस त्रासदी के चलते 15 हजार 300 से ज्यादा लोगों की जानें गई हैं. पढ़िए ईटीवी भारत पर भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी कहानियां...
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:34 PM IST