चैत्र नवरात्रि सातवां दिन : नींबू-पान से करें मां कालरात्रि को प्रसन्न, रोग, शोक, दुख, भय और शत्रुओं का होगा समूल नाश
वासंती नवरात्रि पर्व का सप्तम दिवस मां कालरात्रि की अर्चना का दिन है, कालरात्रि सबसे उग्र देवी हैं, इनको शांत करने के लिए भगवान शिव को रणभूमि में आना पड़ा था, महाप्रलय की स्थिति बन गई थी. मां कालरात्रि (Devi Kalratri) को गुड़ नैवैद्य या कृष्ण तुलसीदल का भोग लगाकर प्रसन्न किया जा सकता है. कालीमिर्च या काले चने का भोग लगाने से भी देवी कालरात्रि प्रसन्न होती है. साबुत नींबू या कटे हुए नींबू का भोग भी लगाया जाता है. 27 या दोगुने नींबू की माला अर्पित करने से भी देवी कालरात्रि प्रसन्न होती है. रातरानी और चमेली के पुष्प मां कालरात्रि को खास प्रिय है. साथ ही गुड़ का भोग लगाएं. इसके बाद मां के मन्त्रों का जाप या सप्तशती का पाठ करें. इस दिन मां की पूजा के बाद शिव और ब्रह्मा जी की पूजा की जाती है. माता को लाल रंग बेहद पसंद है, उन्हें पान का भोग लगाना चाहिए. क्योंकि माता काली को पान खाना बेहद पसंद है. पान चढ़ाने मात्र से जीवन की सारी कठिनाइयां दूर होती हैं और मुरादें भी पूरी होती हैं. माता की पूजा से व्यक्ति के जीवन से भय, दुख, रोग, शोक दूर रहते हैं. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष शत्रुओं का नाश होता है.Chaitra navratri seventh day maa kalratri. chaitra navratra seventh day worship method
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:22 PM IST