ये है कमलनाथ का छिंदवाड़ा मॉडल: गांव में नहीं है सड़क, खाट के सहारे एंबुलेंस तक पहुंची गर्भवती महिला, रास्ते में दिया जन्म - एमपी हिंदी न्यूज
छिंदवाड़ा। भले ही छिंदवाड़ा को पूरे प्रदेश में विकास का मॉडल कहा जाता है, लेकिन आज भी कई आदिवासी गांव ऐसे हैं, जहां पर सड़क नहीं होने की वजह से एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती. मजबूरी में प्रसूता महिलाओं को खाट के सहारे एंबुलेंस तक पहुंचाना पड़ता है. ऐसा ही नजारा उमरेठ विकासखंड के मांडईमाल में देखने को मिला. जहां लोगों ने करीब 2 किलोमीटर तक खाट के सहारे 20 साल की गर्भवती महिला जरीना को एंबुलेंस तक लाने की कोशिश की. लेटलतीफी के चलते प्रसूता की घर से कुछ दूरी पर ही डिलीवरी हो गई. प्रसूता ने रास्ते में ही पुत्र को जन्म दिया. मौके पर कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने के चलते जच्चा-बच्चा दोनों को खाट पर लेटाकर एम्बुलेंस तक लेकर आए. जहां से उन्हें एम्बुलेंस द्वारा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. ग्रामपंचायत मांडई माल का आश्रित ग्राम गुरलु ढाना में आदिवासी निवास करते हैं. यह गांव सड़क, बिजली, पानी, अस्पताल, स्कूल, आंगनबाड़ी से अछूता है.(Delivery on way in chhindwara) (Ambulance could not reach home) (Road problems in chhindwara)
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:23 PM IST