विदिशा।एक तरफ कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन काफी हद तक कारगर साबित हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसके कारण परेशानियों की कई तस्वीरें निकल कर आ रही हैं. ऐसी ही एक तस्वीर आई है विदिशा के मसूदपुर में जहां उमरिया से आए मजदूरों को आटा चक्की बंद होने के कारण गेहूं उबाल के खाना पड़ा. हालांकि जानकारी लगते ही तहसीलदार यशवर्धन सिंह ने उनके लिए खाने की व्यवस्था कराई.
लॉकडाउन में नहीं खुली आटा चक्की, पेट भरने के लिए मजदूरों ने 3 दिन तक उबालकर खाया गेहूं - Tehsildar Yashvardhan Singh
विदिशा के मसूदपुर में जहां उमरिया से आए मजदूरों को आटा चक्की बंद होने के कारण गेहूं उबाल के खाना पड़ा. हालांकि जानकारी लगते ही तहसीलदार यशवर्धन सिंह ने उनके लिए खाने की व्यवस्था कराई.
जब यह मामला सामने आया तो प्रशासन आनन-फानन में सक्रिय हो गया और मजदूरों को राशन पानी की भरपूर व्यवस्था करवा दी गई. तहसीलदार यशवर्धन सिंह ने बताया कि इस मामले की जानकारी लगते ही उन्होंने तुरंत इन मजदूरों के राशन सामग्री की व्यवस्था करवा दी है और जब तक यह मजदूर यहां पर रुके हुए हैं प्रशासन उनकी हर संभव मदद करेगा.
गंजबासौदा से लगभग 30 किलोमीटर दूर ग्राम मसूदपुर में फसलों की कटाई करने के लिए उमरिया जिले के मजदूर आए हुए हैं, जो लॉकडाउन की वजह से यही फंस कर रह गए. जिसके कारण उन्हें इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. चक्की बंद होने के कारण मजदूरों को आटा नहीं मिल पाने के कारण उन्होंने तीन दिन तक गेहूं उबाल कर खाया.