विदिशा।विदिशा विधानसभा बीजेपी का अभेद्य गढ़ कहलाता है. 2018 में 46 साल बाद कांग्रेस के शशांक भार्गव ने भाजपा के इस मजबूत किले पर कांग्रेस का परचम फहरा दिया. आज यह स्थिति है कि 228 प्रत्याशी घोषित कर चुकी. भाजपा यहां से अपना उम्मीदवार घोषित नही कर पा रही है. बताया जा रहा है की पेंच सरकार और संगठन में फंस गया है. सरकार मतलब शिवराज सिंह यहां से अपने खासम खास मुकेश टंडन को टिकिट देना चाहते है, जो 2018 में चुनाव हारे थे. वही संगठन मतलब संगठन मंत्री हितानंद शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन के चहेते श्याम सुंदर शर्मा का टिकिट चाहते है. बताया जा रहा है कि श्याम सुंदर शर्मा को संगठन की झंडी मिल चुकी है, लेकिन पेंच भोपाल में सरकार की तरफ से फंसा हुआ है. चूंकि विदिशा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का गृह क्षेत्र कहलाता है. वह यहां से 5 बार सांसद और एक बार विधायक चुने गए है. इसलिए लोग यह मान कर चल रहे है कि चलेगी शिवराज सिंह की ही और इसीलिए विदिशा अब नाक का सवाल बन गया है.
विदिशा विधायक और कांग्रेस के प्रत्याशी शशांक भार्गव ने कहाकि यह भाजपा का अंदरूनी मामला है. मेरे सामने जो भी प्रत्याशी आएगा मेरी पूरी तैयारी है. भाजपा में जबरदस्त कलह मची हुई है. इस कारण भाजपा अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पा रही.
विदिशा विधानसभा से भाजपा के टिकट की दावेदारी कर रहे वरिष्ठ नेता श्याम सुंदर शर्मा का कहना है कि भाजपा में विदिशा का टिकट प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान तय करेंगे. वह यहां से सांसद रहे हैं. भाजपा में विदिशा टिकट को लेकर कोई मतभेद नहीं है. भाजपा एक परिवार की तरह है और जो श्रेष्ठ कार्य करता है, उसी को टिकट मिलेगा.