विदिशा। शहर की होनहार प्रतिभाओं में एक और बड़ा सितारा बनकर उभरी हैं सना अली (Sana Ali Selected in ISRO). सना अली का चयन सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र ISRO में सहायक तकनीकी इंजीनियर के पद पर हुआ है. सीमित संसाधनों के बावजूद सना ने अपनी जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत की. आर्थिक तंगी भी सना के हौसले के बीच दीवार नहीं बन सकी, क्योंकि उनका परिवार उन्हें शिक्षित करने के लिए हर संभव तरीके से उनके साथ खड़ा था. अब, वह सबसे प्रतिष्ठित अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक में काम करेंगी. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी सना को इस सफलता के लिए बधाई दी है.
बचपन से इसरो में करना चाहती थीं काम:सना बचपन से ही मेधावी छात्रा रही हैं, वह SATI कॉलेज में अध्ययनरत रहीं, यहां से उन्होंने एम टेक किया. बचपन से ही सना अली को अंतरिक्ष के प्रति लगाव था, वे इस क्षेत्र में अनुसंधान कर देश की सेवा करना चाहती थीं. सना की जिंदगी भी कम संघर्षों भरी नहीं रही है. पिता साजिद अली एसएटीआई कॉलेज में ड्राइवर थे, बाद में वह लैब असिस्टेंट की पोस्ट पर रहे. उन्होंने लोन लेकर बेटी की शिक्षा पूर्ण की, कभी-कभी ऐसा भी वक्त आया कि सना की माता जी को अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए अपने गहने तक गिरवी रखने पड़े, परंतु अपनी संतान की पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आने दी. सना ने खुद भी अपना व्यक्तिगत खर्च चलाने के लिए पढ़ाई के दौरान ही ट्यूशन कार्य भी किया.
लक्ष्य से पीछे ना हटो, एक दिन सफलता जरूर मिलेगी:मीडिया से बात करते हुए सना अली ने कहा, "मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हूं, मुझे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, इसरो में सहायक तकनीकी इंजीनियर के पद पर नियुक्त किया गया है. मैं उन सभी महिलाओं को संदेश देना चाहती हूं जो अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहती हैं, सना का कहना है कि आपने अपने लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसे प्राप्त करने के लिए पूरा प्रयास करें, आपको सभी असफलताओं को दरकिनार करते हुए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है, तब तक काम बंद नहीं करना चाहिए जब तक आप अपने सपने को पूरा नहीं कर लेते. वित्तीय बाधाएं आपको सपनों को साकार करने से कभी नहीं रोक सकतीं. असफलताओं से कभी घबराओ मत अपने लक्ष्य पर कायम रहो, सफलता एक दिन आपके कदम चूमेगी.