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जिंदा होने का प्रमाण देने के लिए दफ्तरों का चक्कर काट रहा बाबूलाल, कहा- साहब 'अभी मैं जिंदा हूं'

शमशाबाद तहसील से प्रशासन की लापरवाही का एक अजब मामला सामने आया है, जहां एक जिंदा इंसान को सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया है. जिसके बाद अब पीड़ित व्यक्ति अपने जिंदा होने का सबूत लेकर सभी सरकारी दस्फतरों के चक्कर काट रहे हैं.

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Published : Oct 7, 2020, 1:29 PM IST

Updated : Oct 7, 2020, 2:17 PM IST

victim giving proof of his being alive
पीड़ित व्यक्ति

विदिशा। जिले के शमशाबाद में प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. जहां एक जिंदा इंसान को सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया है. जिसके बाद अब पीड़ित व्यक्ति अपने जिंदा होने का सबूत लेकर सभी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.

जिंदा व्यक्ति सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित

ये पूरा मामला शमशाबाद तहसील में रहने वाले एक 55 वर्षीय बाबूलाल का है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित बाबूलाल की प्रधानमंत्री सम्मान निधि की राशि नहीं आई. ऐसे में बाबूलाल तहसील ऑफिस पहुंचा, जहां पूछताछ के बाद बाबूलाल को मालूम हुआ कि सरकारी दस्तावेजों में बाबूलाल की मौत हो चुकी है. जब बाबूलाल ने बताया कि मैं ही बाबूलाल हूं तो अधिकारियों ने बाबूलाल को पहचानने से इंकार कर दिया.

इसके बाद जब बाबूलाल ने अपने दस्तावेज अफसरों के सामने पेश किए तब कहीं जाकर तहसील ऑफिस के अधिकारियों को भरोसा हुआ कि यही बाबूलाल हैं. लेकिन सरकारी दस्तावेज में मृत घोषित हुए बाबूलाल को अब दोबारा जिंदा होने के सबूत कभी तहसील ऑफिस में पेश करने पड़ रहे हैं तो कभी जिला मुख्यालय में. अब अफसरों से बाबूलाल कहता घूम रहा है कि 'साहब अभी तो मैं जिंदा हूं.'

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वहीं जब ये मामला डिप्टी कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह के पास पहुंचा तो डिप्टी कलेक्टर ने पूरे मामले को शमसाबाद SDM को सौंपते हुए जांच करने के आदेश दिए और जल्द से जल्द सम्मान निधि मिलने का आश्वासन भी दिया.

Last Updated : Oct 7, 2020, 2:17 PM IST

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