विदिशा। मध्यप्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट विदिशा पर इस बार बीजेपी-कांग्रेस में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है. कांग्रेस ने इस सीट से इछावर के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल को बीजेपी का किला ठहाने की जिम्मेदारी दी है. तो बीजेपी ने लंबी रस्साकशी के बाद शिवराज सिंह चौहान के खेमे से आने वाले रमाकांत भार्गव पर पार्टी के सबसे मजबूत गढ़ को बचाने की जिम्मेदारी सौंपी है.
लेकिन विदिशा में स्थानीय नेताओं को मौका न दिए जाने से विदिशा के मतदाता दोनों सियासी दलों से नाखुश नजर आते हैं. उनका कहना है कि बाहरी प्रत्याशी होने से क्षेत्र की समस्यायों की ओर ध्यान नहीं दिया जा जाता. विदिशा से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, सुषमा स्वराज और शिवराज सिंह चौहान जैसे दिग्गज नेता चुनाव जीतते रहें, लेकिन क्षेत्र का विकास न होने से बुनियादी सुविधाओं का अभाव नजर आता है. राजनीतिक जानकार मानते है कि विदिशा के सांसद तो प्रभावशाली रहे लेकिन यहां विकास प्रभावशाली नहीं हुआ.