विदिशा। देश से लेकर प्रदेश और प्रदेश से लेकर गांव तक सरकार स्वच्छता को लेकर लाख दावे करती है, लेकिन जब जमीनी हकीकत की बात आती है, तो इन दावों की पोल खुल जाती है. सरकार दावा कर रही है कि जिले में आने वाले तमाम गांव को शौच मुक्त बना दिया गया है, हर गांव में शौचालय का निर्माण कराया जा चुका हो, कई गांवों को शौच मुक्त का खिताब भी दिया जा चुका हो, लेकिन आज भी सैकड़ों गांव ऐसे हैं, जो शौचालय से महरुम हैं. ऐसा ही एक गांव विदिशा जनपद के कररिया खेड़ा गांव है. जहां सालों पहले शौचालय निर्माण का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन आज तक शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है.
आज तक नहीं हुआ शौचालय निर्माण
कररिया खेड़ा गांव में चार साल पहले शौचालय निर्माण के लिए गड्ढे खोदे गए थे, लेकिन आज तक उन गड्ढों पर शौचालय के निमार्ण कार्य पूरा नहीं हुआ है. जहां शौचालय के नाम पर चार दीवार तो उठवा दी गई हैं, लेकिन ग्रामीणों को शौचालय नहीं मिला है. ग्रमीण बताते है कि शौचालय की मांग को लेकर सभी ने शासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. आलम यह है कि ये किसी एक गांव की समस्या नहीं है, बल्कि जिले के हर दूसरे गांव की यहीं कहानी है. नटेरन जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांवों में भी शौचालय का निर्माण आज तक पूरा नहीं हो पाया है और सालों पहले इस गांव को शौच मुक्त का खिताब मिल चुका है.
बाहर शौच जाने को मजबूर ग्रामीण
विदिशा जिला मुख्यालय के जात्रापुरा के लोग आज भी बाहर शौच के लिए जाने को मजबूर है. गांव की राम बाई ने बताया कि वो कई सालों से बाहर ही शौच करने जा रही है. कई बार सरपंच और सचिव से भी शौचालय निर्माण को लेकर शिकायत की, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं है. उन्होंने कहा कि बाहर शौच के लिए जाना उनकी एक मजबूरी है.