विदिशा। करीब 500 साल के संघर्ष के बाद अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है जिसमें एक विशाल घंटा राम मंदिर की शोभा बढ़ाएगा जो यात्रा के साथ चल रहा है. आज राम मंदिर अयोध्या मंदिर को सौंपे जाने वाले 500 किलो से अधिक वजन के घंटे की धर्म गुरुओं की मौजूदगी में पूजा अर्चना की गई. इसे अयोध्या भेजने की तैयारी पूरी कर ली गई है और इसी को लेकर लीगल राइट्स काउंसिल इंडिया के बैनर तले निकाली जा रही राम रथ यात्रा राजलक्ष्मी मांडला के नेतृत्व में विदिशा पहुंची.
रामरथ यात्रा विदिशा पहुंची अयोध्या के विशाल मंदिर के लिए भेंट किए जाने वाले इस घंटे की खासियत यह है यह लगभग 10 किलोमीटर के दायरे में इसकी ध्वनि सुनाई देगी. कुल 613 किलो वजन का यह घंटा है. इसकी ऊंचाई 4.15 फीट चौड़ाई 4 फीट है और यह कांसा, पीतल, कॉपर, सिल्वर , चांदी और लोहे जैसे पांच तत्वों से तैयार किया गया है. ये घंटा राम रथ यात्रा के जरिए आयोध्या पहुंचाया जा रहा है, जो रामेश्वरम से निकली है. यह यात्रा 21 दिन में 8 राज्यों से होकर निकलेगी
राम रथ यात्रा के साथ आज ढाई हजार किलोमीटर की दूरी कर राजलक्ष्मी मांडला विदिशा पहुंची हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से शुरू हुई यह यात्रा अयोध्या पर जाकर समाप्त होगी. रामेश्वरम से अयोध्या तक निकाली जा रही इस यात्रा का आज विदिशा पड़ाव था जहां विभिन्न धर्म गुरुओं की मौजूदगी में राम रथ यात्रा का स्वागत किया गया और इस विशेष पंचधातु के 613 किलो के वजन के घंटे का भी विधिवत रूप से पूजन किया गया, जो भगवान श्री राम के अयोध्या के रामलला मंदिर में टांगा जाएगा.
यह रथ यात्रा तमिलनाडु के रामेश्वरम से शुरू हुई है. हम एक विशाल घंटा भी रामेश्वरम से अयोध्या को लेकर जा रहे हैं. 500 साल के संघर्ष के बाद हमें अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मार्ग बना हुआ है. इसका देर नरेंद्र मोदी को जाता है, इसलिए देश के प्रधानमंत्री के जन्मदिन 17 सितंबर से इस यात्रा को हमने शुरू किया है और 21 दिन में या यात्रा अयोध्या में समाप्त होगी.
राम रथ यात्रा का हिस्सा होना मेरे लिए गौरवशाली की बात है और राम रथ यात्रा का मेरे घर आना यह भी अपने आप में बड़ी बात है इनमें बहुत सादगी है और राम भक्तों का स्वागत करने का तो कोई बात ही नहीं है आज सभी की मौजूदगी में हम सभी यहां की बेतवा का जल और यहां की रज अयोध्या जा रही है और 500 किलो का घंटा भी यात्रा में साथ जा रहा है.