विदिशा। कोरोना महामारी में लोग अपनों को बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं, चाहे कानून को ताक पर क्यों न रखना पड़े. ऐसा ही एक मामला विदिशा जिले के मुखर्जी नगर से सामने आया, जहां एक गर्भवती महिला आरती कुशवाह पिछले चार दिन से कोरोना संक्रमित थी. उसके इलाज के लिए उसका पति सुनील कुशवाह शुक्रवार की रात 11:00 बजे से अस्पताल में फोन लगाता रहा, लेकिन अस्पताल से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला, न ही उसके घर पर एंबुलेंस पहुंची. अगले दिन सुबह 9:30 बजे कोरोना संक्रमित महिला के घर एंबुलेंस पहुंची.
कोरोना संक्रमित पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कर रहा था फोन
दरअसल पुतली घाट क्षेत्र के मुखर्जी नगर में रहने वाले सुनील कुशवाह की गर्भवती पत्नी कोरोना संक्रमित है, उसे ऑक्सीजन की जरूरत थी. उसके पति ने ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर ली, लेकिन अस्पताल में भर्ती करने के लिए उसका पति रात 11:00 बजे लगाता रहा, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची. लेकिन मामले में दिलचस्प मोड़ तब आया, जब एंबुलेंस उसके घर शनिवार सुबह अचानक पहुंच गई. जिसके बाद गुस्साए गर्भवती महिला के पति ने एंबुलेंस को 2 घंटे के लिए 'बंधक' बना लिया.
पुलिसकर्मियों की समझाइश के बाद मामला हुआ शांत
मामले में अटेंडर दीपक वर्मा का कहना है कि पीड़िता का पति एंबुलेंस के कांच तोड़ने और एंबुलेंस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा था, इस दौरान एंबुलेंस कर्मचारियों तत्काल पुलिस को सूचना दी. वही एंबुलेंस अटेंडर दीपक वर्मा का कहना है कि हम यहां मरीज को लेने आए थे. उन्होंने अपनी पत्नी को एंबुलेंस में बैठा भी दिया, लेकिन एंबुलेंस को रोक कर रखा है, क्योंकि इनकी ग्यारसपुर क्षेत्र में रहने वाले किसी डॉक्टर से बात हो गई थी. एंबुलेंस कर्मचारियों के मुताबिक सूचना के तुरंत बाद पुलिस पहुंची और युवक सुनील कुशवाह को समझाइश दी. जिसके बाद उसकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया गया.