विदिशा(Vidisha)।बेतवा तट स्थित विदिशा के मुक्तिधाम का 'काग उद्यान' (Crow Garden) प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का पहला ऐसा उद्यान है, जहां विलुप्त होती कौओं की प्रजाति को बचाने और उनके संरक्षण (Conservation) के लिए प्रतिदिन कार्य किया जाता है. काग उद्यान को मूर्त रूप देने वाले मुक्तिधाम सेवा समिति के सचिव मनोज पांडे बताते हैं कि 10 सालों पहले उन्हें इस विलुप्त होती प्रजाति को बचाने का ख्याल आया था. तब से लेकर आज तक प्रतिदिन यहां कौओं का संरक्षण किया जा रहा है. कौओं के नाम पर ही काग रसोई भी शुरू की गई है, जिसमें प्रतिदिन चावल रोटी आदि तैयार किया जाता है. इसके बाद यह आहार कौए ग्रहण करते हैं.
विदिशा में शुरू हुआ अनूठा प्रयोग
मनोज पांडे के मुताबिक, देश दुनिया में पक्षी विहार तो बहुत हैं, लेकिन कौओं के संरक्षण के लिए अनूठा प्रयोग यहां शुरू किया गया है. सैकड़ों की तादाद में यहां कौओं की मौजूदगी बनी रहती है. यहीं से यह कौए शहरों की ओर समय-समय पर कूच करते हैं. जिसके कारण अब शहर में लोगों के घरों की छतों पर कौओं की मौजूदगी देखने को मिल जाती है.
धार्मिक-वैज्ञानिक रूप में कौओं का बड़ा महत्व
मुक्तिधाम सेवा समिति के सचिव मनोज पांडे के मुताबिक, कौओं का धार्मिक रूप से भी काफी महत्व है, शास्त्रों में इन्हें पितरों के प्रतीक के रूप में स्थान प्राप्त है. सोमवार से शुरू हो रहे पितृ पक्ष में इनका बड़ा महत्व है. कहा जाता है कि 15 दिनों तक कौओं को आहार देने से हम वह भोजन अपने पुरखों तक पहुंचाने का कार्य करते हैं. वहीं दूसरी ओर वैज्ञानिक दृष्टि से भी कौओं का बड़ा महत्व है. कौए कीट भक्षी होते हैं, और मानव शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों का यह आहार बनाकर एक तरह से हमारे मानव शरीर को व्याधियों से भी बचाने का कार्य करते हैं.