विदिशा।अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो किसी भी मंजिल को हासिल किया जा सकता है. यह साबित कर दिखाया है विदिशा के पर्यावरण मित्र मनोज पांडे ने. वह पिछले कई सालों से ना केवल मुक्तिधाम को तीर्थ स्थल जैसा बनाने में लगे हैं, बल्कि जीवनदायिनी बेतवा नदी को भी संवारने का काम कर रहे हैं. अपनी इस पहल के जरिए उन्होंने लोगों के मन में स्वच्छता का ऐसा जुनून भरा किया क्या बच्चे, क्या बूढ़े सभी इस अभियान का हिस्सा बन गए. रविवार को बेतवा किनारे सैकड़ों लोगों को साफ-सफाई करते हुए देखा गया. भीड़ देखकर लग रहा था मानों कोई मेला लगा हो, लेकिन सच तो यह है कि सभी लोग बेतवा नदी की सफाई के लिए इकट्ठा हुए थे.
बेतवा नदी की सफाई के लिए जुटे सौकड़ों लोग बेतवा की सफाई में जुटे सैकड़ों लोग
डेंगू संक्रमण के चलते शहर के आम नागरिक सड़कों और नदियों की सफाई में लग गए है. इसमें क्या बच्चे क्या बूढ़े सभी बेतवा नदी की सफाई में दिन-रात जुटे हुए हैं. आम नागरिकों द्वारा ये अभियान कई दिनों से चलाया जा रहा है. रविवार को करीब 250 लोग नदी की सफाई में शामिल हुए, और 3 घंटे में चार ट्रॉली मिट्टी, गाद और कचरा बाहर निकाला. रविवार को बेतवा के तटों पर श्रम मेले जैसा मंजर दिखाई दिया.
नदी से बड़ी तादाद में कचरा निकाला बाहर
विदिशा में बेतवा नदी के तट और मुक्तिधाम में हर तरफ स्कूल के बच्चे, समाजसेवी और अन्य लोग दिखाई दिए. नदी से चार बोरे प्लास्टिक की पन्नियां, कचरा और शराबियों द्वारा फेंकी गई बड़ी संख्या में बोतलें, पानी पाउच आदि भी निकाला गया. सबसे पहले पर्यावरण प्रेमी मनोज पांडे ने अपने 4 दोस्तों के साथ इस सफाई अभियान की पहल की थी. इस नेक पहल में अब हर रोज सैकडों की संख्या में नागरिक जुड़ रहे हैं. जिसे देखते हुए विदिशा के अन्य जगहों जौसे पार्क-चौराहों पर भी सफाई के लिए मुहिम शुरू हो गई है.
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लोगों में भरा स्वच्छता को लेकर जुनून
पर्यावरण मित्र मनोज पांडे के स्वच्छता अभियान में अब हर रोज सैकड़ों की तादाद में लोग जुड़ रहे हैं. ऐसी सर्द सुबह में भी लोग श्रमदान कर पर्यावरण और नदी संरक्षण का महान कार्य कर रहे हैं. मुक्तिधामों की तस्वीर बदलने के इरादे शुरू हुआ मनोज पांडे का यह अभियान अब बड़ा रूप ले चुका है. इसपर उनका कहना है कि हम अपने परिवार के लिए तो जीते हैं लेकिन अब जरूरत इस बात की है कि हम स्वच्छ वातावरण, पेड़ों से निकलने वाली ऑक्सीजन और निर्मल जल के लिए एकसाथ कदम बढ़ाएं.