विदिशा। साल के पहले सूर्य ग्रहण का व्यापक असर देखा गया. गंजबासौदा में सूर्य ग्रहण के कारण शहर में कर्फ्यू जैसे हालात दिखे. सड़कें सुनसान थीं, मंदिरों के पट भी शनिवार रात से ही बंद कर दिए गए थे. भगवान की प्रतिमाओं को कपड़ों से ढंक दिया गया था. सूतक काल रविवार दोपहर 2.30 बजे खत्म होने के बाद मंदिर परिसरों की धुलाई की गई और भगवान को स्नान कराने के बाद उनका श्रंगार किया गया.
सूर्यग्रहण: सड़कों पर पसरा रहा सन्नाटा, सूतक हटते ही हुआ मंदिरों का शुद्धिकरण
रविवार को लगे सूर्यग्रहण के दौरान सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा, मंदिरों के कपाट शनिवार रात से ही बंद कर दिए गए थे, जिन्हें सूर्यग्रहण खत्म होने के बाद खोला गया.
रविवार सुबह करीब 10 बजे से लगे सूर्यग्रहण के कारण अधिकांश लोग घर से बाहर नहीं निकले. सनातन धर्म मंडल के श्रद्धालु और सदस्यों ने विद्वानों की सलाह के अनुरूप ही शनिवार से लगे सूतक काल और उसके समापन यानी रविवार तक कोई भी पूजा-अर्चना या ध्यान नहीं किया.
सूर्यग्रहण के दौरान प्रतिमाओं को ढक दिया गया
ज्योतिषियों के मुताबिक ये सूर्यग्रहण कुछ राशियों के लिए अच्छा है तो कुछ के लिए ये घातक भी है. इसलिए ईश्वर का ध्यान करना इस काल में सबसे ज्यादा सही होगा. मंदिरों में दोपहर 2 बजे के बाद भगवान की प्रतिमा को अनावृत किया गया और उनका स्नान के बाद अभिषेक भी किया गया. हालांकि, भक्तों के लिए मंदिर के पट देर शाम खुले.