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अंधकार में छात्रों का भविष्य, कहीं स्कूल नहीं तो कहीं शिक्षक ही नहीं - no place for children in schhol

शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले स्कूलों की हालत इन दिनों बेहद खराब है. जहां कई स्कूलों को भवन जर्जर हैं तो वहीं शिक्षक ही नहीं हैं. ऐसे में छात्रों का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है.

Children's future in darkness
स्कूलों का बुरा हाल, कौन लेगा सुध ?

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Published : Jan 20, 2020, 4:57 PM IST

विदिशा । जिले के लटेरी तहसील में कई ऐसे स्कूल हैं जहां के हालात बेहद खराब हैं. लटेरी तहसील के कई स्कूल ऐसे हैं जहां 8वीं कक्षा के क्लास महज तीन कमरों में चलाए जा रहे हैं. शिक्षकों की बात करें तो महज एक या दो शिक्षक पूरे छात्रों को पढ़ा रहे हैं. जिले के 101 माध्यमिक स्कूलों में 55 ऐसे स्कूल हैं जो शिक्षक विहीन हैं. इन स्कूलों की व्यवस्था या तो प्रभारी के भरोसे चल रही है या अतिथि शिक्षक इसे संभाल रहे हैं.

स्कूलों का बुरा हाल, कौन लेगा सुध ?

प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने शिक्षकों के ट्रांसफर तो कर दिए लेकिन व्यवस्थाओं की तरफ ध्यान नहीं दिया, एक शाला एक परिसर व्यवस्था के नाम पर लटेरी के 66 स्कूलों में ये व्यवस्था लागू तो कर दी, लेकिन यहां पढ़ाने के लिए ना तो पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध हैं और ना ही बच्चों को बैठने की पर्याप्त व्यवस्था.

आपको बता दें कि आगरा पठार में 101 बच्चे पढ़ते हैं लेकिन यहां एक शिक्षक ही 8 कक्षाओं को संभाल रहा हैं. वहीं गोपी तलाई माध्यमिक शाला में 85 बच्चे पढ़ते हैं. यहां 8वीं क्लास के बच्चे एलीफेंट की स्पेलिंग भी नहीं बता सके. इन बच्चों को अपने हेड मास्टर का नाम तक पता नहीं था. जहां एक तरफ अव्यवस्थाओं के चलते बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. वहीं वरिष्ठ अधिकारियों ने शिक्षकों को गैर शिक्षकीय कामों में लगा रखा है. जिससे बच्चों का भविष्य खतरे में जा नजर आ रहा है.

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