विदिशा।भारत के नक्शे में एक बिंदु के बराबर भी नहीं है विदिशा जिले का बेलानारा गांव. जहां बड़ी-बड़ी योजनाएं इन छोटे से बिंदु जैसे गांव तक पहुंच नहीं पाती. बेलनारा गांव में आजादी के बाद सड़क तक नहीं बन पाई. फिर विकास के अन्य काम तो दूर की कोड़ी है. खास बात ये है कि विदिशा एक तरह से सीएम शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला भी माना जाता है. बावजूद इस गांव का विकास न हो पाना अपने आप में सरकार के कामों पर सवाल खड़े करता है.
500 की आबादी वाला बेलनारा गांव हाइवे से 2 से 3 किलोमीटर दूरी पर बसा है, जहां दो से तीन किलोमीटर पक्की सड़क तक नहीं बन पाई. गांव में न पक्के मकान हैं और न कोई अन्य सुविधा. आलम ये है कि यह गांव विकास के मायने में दशकों पिछड़ा है. अगर कोई बीमार हो जाए तो उसे इलाज के लिए खाट पर ले जाना पड़ता है. गांव से बाहर जाने के लिए स्थानीय लोग कई बार सोचते हैं कि आखिर बाहर कैसे निकलें.
जनप्रतिनिधियों के विवाद में नहीं होता विकास
स्थानीय हाकिम सिंह बताते हैं कि आज तक विकास शहरों से निकलकर हमारे गांव तक नहीं पहुंचा. सड़क डालने का एक मुख्य कारण सरपंच साहब का इस पोलिंग से हारना भी बताया जाता है. गांव की सड़कों के लिए ग्रामीणों ने कई लड़ाइयां लड़ी, हाइवे पर चक्काजाम भी किया. विधायक, सांसद और मंत्री से लेकर तमाम जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई. आश्वासन तो खूब मिले, लेकिन सड़क नहीं बनी. गांववालों के मुताबिक गांव में कुटीर योजनाएं भी दम तोड़ती नजर आ रही हैं. गांव में जितनी कुटीर थी उतनी कुटीर नहीं आ सकी. आलम ये है कि कुछ ग्रामवासी मिट्टी की दरकती दीवारों के बीच रहने को मजबूर हैं. जहां कभी भी हादसा हो सकता है.