MP Vidisha News: शिवराज सिंह चौहान ने दिखाई दरियादिली, छाता सुधारने वाली महिला को दी 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद
विदिशा दौरे पर रविवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान रहे. इस दौरान माधवगंज इलाके में फुटपाथ पर बैठकर छाता सुधार रही एक महिला के पास पहुंचे और उसका हालचाल जाना. सीएम शिवराज ने तत्काल अधिकारियों को महिला की मदद के लिए 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि देने को कहा.
विदिशा में महिला को सुनते सीएम शिवराज
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Published : Aug 6, 2023, 9:35 PM IST
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Updated : Aug 7, 2023, 11:00 PM IST
सीएम के आर्थिक मदद से खिला छाता सुधारने वाली महिला का चेहरा
विदिशा।सीएम के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एक बार फिर दरियादिली देखने को मिली. दरअसल, विदिशा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे सीएम शिवराज कार्यक्रम के बाद अचानक फुटपाथ पर बैठी छाता सुधारने वाली महिला से मिलने पहुंच गए. इसके बाद उन्होंने महिला की आर्थिक सहायता भी. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर को 50 हजार की आर्थिक सहायता के निर्देश भी दिए.
महिला को पैसे देने को लेकर कलेक्टर को दिया आदेश:माधवगंज पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक फुटपाथ पर छाता महिला दुर्गाबाई को 50,000 रुपये देने का आदेश कलेक्टर को दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद जमीन पर बैठकर उस महिला से उसका नाम और पता पूछ रहे हैं तो वहीं पास में खड़े नेता मुकेश टंडन ने महिला को बताया कि यह मुख्यमंत्री हैं.
महिला ने क्यो दिया शिकायत:लोहंगी मोहल्ले में रहने वाली सुनीता बाई अपने बच्चे के साथ विदिशा के रेलवे स्टेशन कार्यक्रम स्थल पहुंची. बच्चों के साथ उसकी मां ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिली. उन्होंने CM को शिकायती आवेदन देते हुए बताया कि उनके घर के पास रहने वाले नगर सेना में तैनात कर्मी जो भोपाल में कार्यरत हैं. वह और उनके परिवार के सदस्य महिला और बच्चे के साथ मारपीट करते हैं. पिछले डेढ़ साल से इस मामले को लेकर परेशान है. कई बार भोपाल के सीएम हाउस से लेकर नेता अधिकारियों तक अपनी समस्या की शिकायत लेकर पहुंची. आज तक समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है. उन्होंने पुलिसकर्मी और उनकी पत्नियों पर कार्रवाई की मांग की है. इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "अगर मारा है तो मैं इसकी जांच करवा लूंगा."
महिला ने क्या कहा: पीड़ित सुनीता बाई का कहना है कि "रणधीर सिलावट मेरे घर के सामने रहता है. मनोज और प्रीतम की पत्नी दोनों भोपाल में काम करते हैं. यहां रह रहे हैं और भोपाल में नौकरी कर रहे हैं. हमारे साथ अत्याचार कर रहे हैं.इन लोगों ने मुझे मारा है. मैं तीन बार अधिकारियों के बंगले पर होकर आ गई. भोपाल में जितने भी ऑफिस हैं. सब जगह आवेदन दे चुकी हूं. मैं थक चुकी हूं. लाचार हो चुकी हूं. मुख्यमंत्री से बात हुई तो उन्होंने कुछ नहीं बोला. सीएम कहने लगे हमने आपकी बात सुन ली.