मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

पिता और पति के नाम के बिना कैसे बनूं लाडली बहना.. योजना का लाभ पाने के लिए परेशान हो रहीं बेडिया समाज की महिलाएं और युवतियां - sex worker not getting benefits due to father name

विदिशा की कुछ बहनों ने जनसुनवाई में आवेदन देते हुए कहा है कि बेडिया समाज से आने के कारण हमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहना योजना का लाभ नहीं मिल रहा, अब ऐसी परेशानी में हम पति या पिता का नाम कहां ले लाएं.

sex worker not getting Ladli Behna Yojana benefits
पिता और पति के नाम के बिना कैसे बनूं लाडली बहना

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 12:00 PM IST

पिता और पति के नाम के बिना कैसे बनूं लाडली बहना

विदिशा। लाडली बहना योजना को शिवराज सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना कहा जा रहा है, इसको लेकर महिलाओं में बहुत उत्साह देखा जा रहा है. वहीं इस योजना से वंचित महिलाएं किसी भी तरह इस योजना में अपना नाम जुड़वाना चाह रही है. ऐसा ही मामला विदिशा में सामने आया है, जहां जनसुनवाई में पहुंची विदिशा जिले की कोलीजा पंचायत के ग्राम दुलई गांव की अनेक युवतियों ने उनका नाम भी इस योजना में जोड़ने की मांग की. उन्होंने बताया कि "हम बेड़ियां समुदाय से हैं, हमारा मुख्य व्यवसाय वेश्यावृत्ति करना है और इस काम में हमें पिता या पति का नाम नहीं मिल पाता. चूंकि लाड़ली बहना योजना के फॉर्म पर पिता-पति का नाम नहीं भरा है, इसलिए पंचायत के सचिव हमें लाडली बहना योजना में शामिल नहीं कर रहे."

हमारे साथ भेदभाव क्यों:युवतियों ने कहा कि "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोहान एक ओर सबको लाड़ली बहना का दर्जा दे रहे हैं, तो फिर हमारे साथ इस प्रकार का भेदभाव क्यों किया जा रहा है. मूल रूप से हम लोग वेश्यावृत्ति का काम करते हैं इसलिए हमारी कभी शादी नहीं होती. मां के नाम से ही हमारे सारे दस्तावेज बने हुए हैं, यहां तक की आधार कार्ड में हमारे पिता का नाम नहीं सिर्फ मां का नाम है. दुलई में हम 40 युवती हैं, लेकिन हमें इस योजना में शामिल नहीं किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि आपके पति का नाम बताओ. हम ऐसी स्थिति में किसको पति का नाम दें. हमारे पास जो भी आता है, वह अपना नाम नहीं देता बल्कि सिर्फ हमें उपयोग करता है."

कहां से लाएं पति /पिता का नाम:दुलई गांव से आई युवतियों का कहा कि "लाड़ली बहना योजना के पैसे जो मिल रहे हैं, वह हमें नहीं मिल रहे हैं. अधिकारी कहते हैं कि पति का प्रूफ लेकर आओ, हम लोगों में शादी होती नहीं है, हम कहां से लेकर आए पति. हमारी उम्र की 27-28 साल की कई लड़कियां हैं, जिन्हें पैसे नहीं मिल रहे. अधिकारी कह रहे हैं कि यह तो शासन के नियम है, हमें पालन करना पड़ेगा और आपको पैसे नहीं मिलेंगे. अधिकारियों ने मना कर दिया, अब हम कहां जाएं, किसके पास जाएं. फिलहाल हमने जनसुनवाई में डिप्टी कलेक्टर विष्णु यादव जी को आवेदन दिया है तो अधिकारी का कहना है कि शासन की गाइडलाइन है, उसका पालन तो करना पड़ेगा. हमारा कहना है कि यदि नियम है तो उसमें बदलाव भी तो हो सकता है, हमारे लिए क्यों नहीं हो सकता कुछ."

Also Read:

मामले पर जांच कराकर निकालेंगे समस्या का हल:इस संबंध में डिप्टी कलेक्टर विष्णु यादव का कहना है कि "हमारे पास महिलाएं आई थी, उनकी समस्या सुनी है. आवेदन भी ले लिया है, मामले की जांच करकवाकर समस्या का निराकरण कराएंगे. "

ABOUT THE AUTHOR

...view details