विदिशा। लाडली बहना योजना को शिवराज सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना कहा जा रहा है, इसको लेकर महिलाओं में बहुत उत्साह देखा जा रहा है. वहीं इस योजना से वंचित महिलाएं किसी भी तरह इस योजना में अपना नाम जुड़वाना चाह रही है. ऐसा ही मामला विदिशा में सामने आया है, जहां जनसुनवाई में पहुंची विदिशा जिले की कोलीजा पंचायत के ग्राम दुलई गांव की अनेक युवतियों ने उनका नाम भी इस योजना में जोड़ने की मांग की. उन्होंने बताया कि "हम बेड़ियां समुदाय से हैं, हमारा मुख्य व्यवसाय वेश्यावृत्ति करना है और इस काम में हमें पिता या पति का नाम नहीं मिल पाता. चूंकि लाड़ली बहना योजना के फॉर्म पर पिता-पति का नाम नहीं भरा है, इसलिए पंचायत के सचिव हमें लाडली बहना योजना में शामिल नहीं कर रहे."
हमारे साथ भेदभाव क्यों:युवतियों ने कहा कि "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोहान एक ओर सबको लाड़ली बहना का दर्जा दे रहे हैं, तो फिर हमारे साथ इस प्रकार का भेदभाव क्यों किया जा रहा है. मूल रूप से हम लोग वेश्यावृत्ति का काम करते हैं इसलिए हमारी कभी शादी नहीं होती. मां के नाम से ही हमारे सारे दस्तावेज बने हुए हैं, यहां तक की आधार कार्ड में हमारे पिता का नाम नहीं सिर्फ मां का नाम है. दुलई में हम 40 युवती हैं, लेकिन हमें इस योजना में शामिल नहीं किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि आपके पति का नाम बताओ. हम ऐसी स्थिति में किसको पति का नाम दें. हमारे पास जो भी आता है, वह अपना नाम नहीं देता बल्कि सिर्फ हमें उपयोग करता है."