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विदिशा में खुली लाडली लक्ष्मी योजना की पोल,बेटी का 'पिगी बैंक' लेकर पिता पहुंचा कलेक्ट्रेट, जाने फिर किया हुआ - पिता बेटी का पिगी बैंक लेकर पहुंचा कलेक्ट्रेट

केंद्र हो या राज्य सरकार, दोनों की गरीबों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को सरकारी विभाग के कर्मचारी ही पलीता लगा रहे हैं. मध्यप्रदेश में शिवराज मामा की लाडली योजना का लाभ लेने के लिए एक पिता इतना परेशान हुआ कि वह रिश्वत देने के लिए अपनी बेटी का "पिगी बैंक" लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान पहुंच गया. इसको देखकर कलेक्टर सहित सभी लोग हतप्रभ रह गए. (ladli laxmi yojana exposed in vidisha)

ladli laxmi yojana exposed in vidisha
परेशान पिता बेटी का पिगी बैंक लेकर पहुंचा कलेक्ट्रेट

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Published : Jan 10, 2023, 9:26 PM IST

विदिशा। विदिशा जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान एक अलग ही नजारा देखकर लोग हतप्रभ रह गए. यहां एक पिता अपनी बेटी का लाडली लक्ष्मी में नाम दर्ज करवाने को लेकर कलेक्टर के सामने रिश्वत के रूप में अपनी ही बेटी की गुल्लक "पिगी बैंक" को लेकर पहुंचा. कलेक्टर ने पूरा माजरा पूछा संबंधित अधिकारी को दिशा-निर्देश दिए की फौरन ही ग्यारसपुर में इसकी बेटी का नाम लाडली लक्ष्मी योजना में दर्ज कराया जाए.पीड़ित पिता की माने तो उसने ग्यारसपुर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 800 रुपए भी खर्चा पानी को दिए थे. इसके बाद भी टालमटोल का दौर जारी रहा थक हारकर उसने जनसुनवाई का रास्ता चुना. (Distressed father reaches collectorate) (Father reaches collectorate daughter piggy bank)

विदिशा में खुली लाडली लक्ष्मी योजना की पोल

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हर जगह मिन्नते करने पर भी बात नहीं बनीःमिली जानकारी के अनुसार विदिशा में एक बेटी का पिता अपनी बेटी का नाम लाडली लक्ष्मी योजना में दर्ज करवाने को लेकर ग्यारसपुर क्षेत्र में खासा मशक्कत करता रहा. बार-बार आंगनवाड़ी के दरवाजे खटखटाऐ. हर जगह मिन्नतें भी की लेकिन बात नहीं बनी. पिता जसवंत कुशवाहा के मुताबिक वह काफी परेशान हो चुका था. उसकी बिटिया पांचवीं क्लास में पढ़ती है और लाडली लक्ष्मी योजना में उसका नाम नहीं दर्ज हो रहा है. इसको लेकर उसने विदिशा के भी चक्कर काटे. बात नहीं बनी सभी जगह से उसे निराशा मिली. पीड़ित की माने तो उसने 800 रुपए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को खर्चा पानी के लिए भी दिया. (It didnt work even after pleading everywhere)

रिश्वत के आगे लाचार था लाडली का पिताः आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का कहना था कि ऐसे थोड़ी तुम्हारा काम बन जाएगा. रिश्वत के दंश और सिस्टम के आगे लाचार पिता ने अपनी उसी बेटी की गुल्लक यानी पिगी बैंक उठाई और उसे थैले में डालकर कलेक्टर को देने विदिशा निकल पड़ा.पीड़ित के मुताबिक उसकी कलेक्टर से मुलाकात हुई. उन्होंने हमारी बात सुनी और कहा आज ही ग्यारसपुर में तुम्हारा नाम दर्ज हो जाएगा. (ladlis father was helpless in front of bribe)

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