विदिशा। कोरोना वायरस को लेकर लागू लॉकडाउन के चलते दिहाड़ी मजदूरों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कहीं प्रशासन द्वारा रोके गए मजदूरों को राशन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, तो कहीं लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को अपने गांव तक पहुंचने के लिए 39 डिग्री पारे से जंग लड़नी पड़ रही है.
भोपाल से मुंगावली के लिए पैदल निकला मजदूर परिवार, मां की गोद में दो साल का बच्चा भी सफर में - भोपाल-विदिशा हाईवे
लॉकडाउन के बीच कई मजदूर देश-प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे रह गए. इस दौरान अशोकनगर जिले का एक मजदूर परिवार भोपाल से पैदल ही महिलाओं और बच्चों को लेकर अपने गांव के लिए निकल गया. इस दौरान वे विदिशा की सड़कों पर गुजरते दिखे.
ऐसी ही एक दृश्य भोपाल-विदिशा हाईवे पर देखने को मिला, जब एक मजदूर परिवार भोपाल से अशोकनगर जिले के मुंगावली जाने के लिए पैदल ही निकल पड़ा. हैरान कर देने वाली तस्वीर यह थी कि उस परिवार की एक महिला अपने दो साल के बेटे को करीब 250 किलोमीटर का सफर करते दिखी. लॉकडाउन ने एक कंधे पर बच्चा तो दूसरे कंधे पर बच्चे का वॉकर टांगकर सफर करने के लिए इस महिला को विवश कर दिया.
ये मजदूर परिवार भोपाल की एक निजी कंपनी में काम करता है. कोराना महामारी से लड़ने के लिए जब पूरे देश में अचानक लॉकडाउन लगा तो कई दिहाड़ी मजदूर अपने गांव से कोसों दूर फंसकर रह गए. दूसरी ओर प्रशासन भी बार-बार इन मजदूरों को राशन उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है. इन सबके बीच ऐसी तस्वीरें बार-बार प्रशासन के इन दावों की पोल खोलती नजर आ रही हैं.