विदिशा। रेलवे स्टेशन (Railway Station) के प्लेटफार्म नंबर 4 के पास स्थित पीपल का पेड़ (Peepal tree) लोगों के लिए आश्चर्य (surprise) का विषय बना हुआ है. आश्चर्यचकित करने वाले इस प्रकृति (Nature) के नजारे को देखकर लोग न केवल सुकून पा रहे बल्कि प्रकृति के प्रति जागरूक भी हो रहे है. यहां स्थित पीपल का पेड़ हर शाम हरा-भरा हो जाता है. दरअसल, रात होते-होते पेड़ की डालियों पर हजारों तोते (Parrots) आकर बैठ जाते हैं, और तब ऐसा लगता है मानों पेड़ पर हरे-भरे पत्ते लगे हों. लेकिन जैसे ही दिन निकलता है, पेड फिर से सूखा नजर आने लगता है.
चमत्कार को देखकर हैरान हैं लोग
लोग इस चमत्कार को देखकर हैरान हैं, लेकिन पेड़ पर आकर बैठे हजारों तोते अपनी आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं, और फिर इंसान न कुछ और सुनना चाहता है और न ही देखना.
पीपल के वृक्ष पर पत्तियों की तरह दिखते तोते कभी सूखा तो कभी हरभरा
ऐसा नहीं है कि यहां सिर्फ एक यही पीपल का पेड़ (Peepal tree) है, यहां और भी कई पेड़ (Tree) हैं, लेकिन तोतों (Parrots) को तो मानों इस पेड़ के अलावा कोई और पेड़ दिखता ही नहीं. दिन के समय जिस पीपल के पेड़ की डालियां सूखी दिखाई पड़ती है, तोतों के आ जानें के बाद लगता है, हर डाल पर हजारों पत्तियां निकल आई हों. पेड़ के पास ही फोटो कॉपी की दुकान चलाने वाले महेंद्र किरार ने बताया कि उनका निवास भी यहीं है. वह पिछले 40 वर्षों से इस पेड़ को देख रहे है.
तोतों ने पेड़ को बनाया अशियाना
महेंद्र ने बताया कि रेलवे (Railway) ने 40 साल पहले यहां पौधारोपण (plantation) किया था. उसी दौरान इस पीपल (Peepal) के पौधे को भी लगाया गया था. पिछले साल लॉकडाउन (Lockdown) के बाद, जब ट्रेनों (train) का आवागमन रुक गया, तभी से तोतों ने इस पेड़ को अपना नया अशियाना बना लिया, अब यहां हजारों तोते हर रात आकर पेड़ पर बैठते हैं. दिनभर जो पेड़ सूखा नजर आता है शाम होते ही पेड़ में एक नई बहार नजर आने लगती है. डाली-डाली हरियाली से रंग जाती है.
पीपल के वृक्ष पर पत्तियों की तरह दिखते तोते लोगों को मिलता है सुकून
दरअसल, इस पेड़ (Tree) को देखने बहुत लोग आते है. लोगों को पेड़ के नजदीक आते ही एक अलग तरह के सुकून की एहसास होता है. सुकून का एहसास तब और बढ़ जाता है, जब तोते की चहचहाहट शुरू होती है. पेड़ के नीचे ऑटो खड़ा करने वाले चैन सिंह ने बताया कि शाम को इसको देखने बहुत लोग आते है, और सेल्फी बगैरह भी लेते हैं. लोग आश्चर्य से पेड़ को देखकर फोटो खींचते हैं. सेल्फी लेते विनोद श्रीवास्तव ने बताया कि वह रोज स्टेशन (Station) आते हैं. इन तोतों को देखने और सेल्फी लेने से उन्हें काफी सुकून मिलता है और दिनभर की थकान मिट जाती है.