विदिशा। प्रदेश भर में अब सोयाबीन, धान की फसल के बाद अगली फसल की तैयारी शुरू हो गई है और अन्नदाता अब अपने खेतों में बोवनी करने लगा है, लेकिन किसान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले ही पिछली फसल का न बिक पाना, बीमा राशि देर से आने जैसी परेशानियां किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ कर चुकी हैं. वहीं डीजल के दाम कम नहीं होने से किसान की मुश्किलें और बढ़ गई है. डीजल के दाम अधिक होने से अब खेतों में लागत भी दोगुनी लग रही है जिससे अन्नदाता का अपना बजट बिगड़ता दिख रहा हैं.
हरिवंश किरार विदिशा के किसान हैं, इनकी 22 बीघा खेती है. परिवार में 6 सदस्य हैं, पूरे परिवार के पालन पोषण का जिम्मा हरिवंश किरार के जिम्मे है, खेती के अलावा इनका और कोई आसरा नहीं है, ये खेती से ही अपना ओर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. हरिवंश किरार कहते हैं डीजल के दाम बढ़ने से उनके लिए मुसीबत बढ़ गई है, डीजल के बिना खेती सम्भव नहीं है डीजल के दाम बढ़ने से एक नहीं बल्कि कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. बीज महंगा हो जाता है भाड़े के दाम भी आसमान छूने लगते हैं. हरिवंश बताते है डीजल के दाम तो सरकार ने बड़ा दिए फसल के दाम नीचे ही है, जिससे किसान पर दोहरी मार पड़ रही है जबकि फसल बोनी का सीजन है.