विदिशा। जिले की सिरोंज तहसील से चार बार के विधायक रहे प्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का कोरोना से निधन हो गया है. सिरोंज के मुक्तिधाम में विधायक का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनके अंतिम संस्कार के समय भारी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता और अन्य लोग शामिल थे. उनके निधन से पूरा सिरोंज विधानसभा क्षेत्र में शोकाकुल का माहौल है.
पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का कोरोना से निधन विकास पुरुष के नाम से पहचान जाते थे शर्मा
बता दें कि बीते 11 मई को कोरोना संक्रमित होने के बाद भोपाल के चिरायु अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. गंभीर स्थिति होने पर सोमवार को हैदराबाद से डॉक्टरों को भोपाल भी बुलाया गया था, लेकिन डॉक्टरों की टीम के अस्पताल पहुंचने से पहले ही विधायक ने अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर से पूरे जिले में सन्नाटा पसर गया. खास तौर से सिरोंज में पूरा बाजार उनके निधन की खबर के बाद बंद हो गया.
पूर्व मंत्री का राजनीतिक सफर
दरअसल, पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की राजनीतिक यात्रा एक हिंदूवादी नेता के रूप में शुरू हुई. शर्मा सिरोंज के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में आचार्य के पद पर थे. बाद में वह विश्व हिंदू परिषद और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे एक प्रखर हिंदूवादी नेता के रूप में सिरोंज में अपनी पहचान बनाई. शर्मा ने 1993 में पहली बार सिरोंज विधानसभा से चुनाव लड़ा और पहली बार वहां से विधायक चुने गए. उनकी लोकप्रियता का मापदंड इसी बात से था कि एक नारा वहां की पब्लिक हर समय लगाती थी की "जन जन का यह नारा है लक्ष्मीकांत हमारा है प्राणों से भी प्यारा है लक्ष्मीकांत हमारा है" लेकिन आज यह आवाज विधानसभा क्षेत्र ही नहीं मध्य प्रदेश की राजनीति में गुम हो चुकी है.