विदिशा। शमसाबाद तहसील के हटा गांव के किसानों ने अपने ही खेतों में जाकर सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया. किसानों का कहना है कि अधिक बारिश से फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. खेतों में पानी भर जाने से गांव के लगभग सभी किसानों की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है, जो घर मे जमा पूंजी थी, वो खेती में लगा दी, अब हालात ये हैं कि किसान दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं.
बर्बाद हुई फसल को हाथों में लेकर किसानों ने जताया विरोध, सरकार से मांगा मुआवजा - Farmers sought compensation
हटा गांव में किसानों ने अपने-अपने खेतों में खड़े होकर सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया. किसानों का कहना है कि उन्हें पिछले साल बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिला है और अब फिर आपदा आ गई, जिससे वो बुरी तरह टूट गए हैं. मुआवजा जल्द नहीं मिलने पर उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
किासनों को अब अगली फसल की चिंता सता रही है. किसान रामप्रसाद अहिरवार बताते हैं कि 2018 में जो फसल बीमा कराया था, उसकी राशि आज तक नहीं मिली है, जबकि 2020 का फसल बीमा भी नहीं मिला है. इस आपदा की घड़ी में पिछला और वर्तमान दोनों समय का मुआवजा मिलना चाहिए. कुछ ऐसी मांग किसान रघुवीर की है, उनका कहना है कि किसानों के पास कुछ नहीं बचा, बल्कि किसान और अधिक कर्जे में आ गया है. अब तो चिंता सता रही है कि बाजार से जो कर्ज लिया है, उसे चुका पाएंगे.
किसानों ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि उन्हें जल्द से जल्द फसल का मुआवजा दिलवाया जाए. किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा अगर किसानों की सुनवाई नहीं होती है तो वो दिल्ली तक आंदोलन करेंगे.