विदिशा। जिला अस्पताल में बेड की कमी और खस्ताहाल स्वास्थ्य सुविधाएं मरीजों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं हैं. आलम ये है कि तीन मरीजों पर केवल एक बेड उपलब्ध है. जिसकी वजह से मरीजों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ता है.
दिन पर दिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन अस्पताल की सुविधाओं में कोई इजाफा नहीं हो रहा है, पड़ोसी जिलों से भी कई मरीज यहां आते हैं. लेकिन अस्पताल में महज 3 सौ पलंग हैं, जिन पर फिलहाल 5 सौ मरीजों का इलाज हो रहा है.
खुली चुनावी वादों की पोल
स्थानीय कांग्रेसी विधायक शशांक भार्गव ने चुनाव से पहले फरवरी माह तक नए मेडिकल कालेज में जिला अस्पताल को शिफ्ट करने दावा किया था, लेकिन चुनाव निकलते ही विधायक जी के दावे-वादे हवा हो गये, अस्पताल भी शिफ्ट नहीं हुआ और डॉक्टरों की संख्या भी नहीं बढ़ाई गई. हाई प्रोफाइल कहे जाने वाले विदिशा जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की हालत जस की तस बनी हुई है.
समान ही हैं आसपास के क्षेत्रों में हालात
तहसील गंज बासौदा में सोनोग्राफी की कई मशीनें जंग खा चुकी हैं, उधर पठारी-कुरवाई तहसील में लगातार डॉक्टरों के अपडाउन से परेशान ग्रामीण अपना विरोध जता चुके हैं. तहसील सिरोंज में सौ बिस्तर के अस्पताल में आज भी कई वार्डो के ताले नहीं खुले हैं. हाल ही में गुलाबगंज तहसील में बीती रात को ग्रामीणों ने इस बात को लेकर हंगामा कर दिया कि एक महिला के प्रसव के दौरान अस्पताल में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था.