विदिशा। चालक- परिचालकों ने बस स्टैंड परिसर पर अर्धनग्न होकर अपना विरोध दर्ज कराया. सात दिवसीय धरना देकर प्रदेश सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं. चालकों का कहना है कि, लॉकडाउन के चलते वाहनों के पहिए थमने से मानों चालकों के जीवन के पहिए भी थम से गए हैं. अब चालकों के ऊपर आर्थिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
चालक- परिचालकों ने अर्धनग्न होकर जताया विरोध, आर्थिक मदद की मांग - बस चालकों का विरोध
आर्थिक मदद की मांग के लेकर सात दिवसीय धरना दे रहे चालक- परिचालकों ने बस स्टैंड परिसर में अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया. 9 जुलाई को चालक परिचालक 50 किलोमोटर का पैदल मार्च निकालकर मुख्यमंत्री निवास पहुंचने की योजना बना रहे हैं.
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चालकों का कहना है कि, सरकार सभी वर्ग को आर्थिक मदद दे रही है, लेकिन चालकों की ओर किसी का कोई ध्यान नहीं है, कई बार चालक अपने हालात के बारे में जिला प्रशासन को अवगत करवा चुके हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई.
इतना ही नहीं, बस स्टैंड पर सात दिवसीय धरने का आयोजन चलता रहा, लेकिन इनकी सुध लेने कोई नहीं पहुंचा. चालकों का कहना है कि, लॉकडाउन के चलते पांच किलो गेहूं चावल उपलब्ध कराए गए थे, इनसे भला घर कैसे चले. अब 9 जुलाई को चालक परिचालक 50 किलोमोटर का पैदल मार्च निकालकर मुख्यमंत्री निवास पहुंचने की योजना बना रहे हैं. चालकों का कहना है कि, जब कहीं सुनवाई नहीं हुई, तो चालक सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से अपनी गुहार लगाने उनके पास पहुंचकर आर्थिक मदद की मांग करेंगे.