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जुनून: गाय के बीमार या घायल होने की सूचना पर सेवा के लिए फौरन हो जाते हैं हाजिर

लालू भइया के नाम से मशहूर ललित प्रसाद तिवारी को बचपन से ही गौसेवा की प्रेरणा मिली, वे गौसेवा समिति के जरिए गायों की सेवा करते हैं. किसी गाय के बीमार या घायल होने की सूचना पर ये सेवा के लिए फौरन हाजिर हो जाते हैं.

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गायों की सेवा

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Published : Aug 13, 2020, 8:29 PM IST

Updated : Aug 13, 2020, 10:50 PM IST

विदिशा। जिले के गंजबासौदा में गो सेवा समिति का संचालन होता है. तेज आंधी हो या कड़ाके की ठंड, जब भी घायल और बीमार गाय की सूचना लालू भइया को मिलती है, वे तत्काल सेवा के लिए हाजिर हो जाते हैं. ललित प्रसाद तिवारी जो लालू भइया के नाम से जाने जाते हैं. लालू भइया की गौशाला में दूर-दूर से लोग गाय का इलाज करवाने के लिए आते हैं. इस गौशाला में गायों का इलाज तब तक किया जाता है, जब तक गाय पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती है.

गायों की सेवा

खुद के खर्च और समिति की मदद से होता है काम

लालू भैया यह काम अपने खर्च से और समिति सदस्यों की मदद से करते हैं. इस गौशाला को और अच्छी तरह से संचालित करने के लिए सरकारी मदद की दरकार है. इस गौशाला में कई तरह की गायें हैं, जिसमें किसी के पैर नहीं हैं तो किसी के मुंह से खून निकल रहा है. इस गौशाला को न तो कोई सरकारी मदद मिलती है और न ही कोई जनप्रतिनिधि यहां आता है. गौशाला के लालू भैया और उनकी समिति के सदस्य इन गायों की 24 घंटे देखभाल कर रहे हैं.

गाय का इलाज

दो साल से सेवा में लालू भइया

लालू भइया का कहना है कि इस गौशाला संचालन के लिए करीब एक महीने का खर्च 8 हजार रुपए आता है, जो शहर के समाजसेवी और समिति के सदस्य देते हैं. इतना सब कुछ करने के बावजूद भी अभी तक उनको कोई सरकारी मदद नहीं मिली है. गौशाला निर्माण हुए 2 साल से ज्यादा समय बीत गया है. जब भी कहीं से सूचना मिलती है वे तत्काल सेवा के लिए हाजिर हो जाते हैं.

गो सेवक

गौशाला में बारिश से गायों को बचाने के लिए शेड लगे हैं, गर्मी से बचाव के लिए पंखे व कूलर लगे हैं, इतना ही नहीं 24 घंटे उनकी देखभाल करने के लिए एक कर्मचारी भी लगाया गया है, जो सफाई का ध्यान रखता है. बिजली के लिए गौशाला के नाम से मीटर भी लगाया गया है, जो भी बिल आता है वे खुद ही उसे भरते हैं. लालू भैया को गौसेवा की प्रेरणा बचपन से ही मिली है, वे बताते हैं कि कुछ साल पहले गायों को खुरापका नामक बीमारी हो रही थी, उसी बीमारी की दवा करते वक्त गौसेवा की प्रेरणा मिली.

Last Updated : Aug 13, 2020, 10:50 PM IST

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