मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

सिरोंज में नवरात्र पर दिखा कोरोना का असर, बैतूल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ निकाली गई अग्रसेन की जयंती - Agrasen jayanti celebrated with social distancing

बैतूल के घोड़ाडोंगरी में शनिवार को अग्रवाल समाज के लोगों ने महाराजाधिराज अग्रसेन महाराज की पूजा अर्चना एवं महाआरती कार्यक्रम आयोजित कर जयंती मनाई. विदिशा जिले के सिरोंज के महामाई मंदिर में भक्तों को पूजा अर्चना करना मुश्किल हो गया. एक महिला भक्त को यहां पूजा अर्चना करने के लिए सुबह से करीब 3 बजे तक इंतजार करना पड़ा. इसके साथ ही इस बार के नवरात्रि में कोरोना संक्रमण का असर दिख रहा है.

Navratri starts from Saturday
शनिवार से नवरात्र प्रारंभ

By

Published : Oct 18, 2020, 1:20 PM IST

विदिशा/बैतूल।घोड़ाडोंगरी में अग्रसेन जयंती पर्व पर शनिवार को अग्रवाल समाज के लोगों ने महाराजाधिराज अग्रसेन महाराज की पूजा अर्चना एवं महाआरती कार्यक्रम आयोजित कर जयंती मनाई. अग्रसेन जयंती पर हर साल निकाली जाने वाली शोभायात्रा इस साल कोविड-19 के कारण नहीं निकाली गई. समाज के लोगों ने कोविड-19 महामारी के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और कार्यक्रम को छोटा करते हुए. शोभा यात्रा नहीं निकालने का निर्णय लिया. जयंती पर अग्रवाल भवन में सुंदरकांड पाठ किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में समाज के बंधुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की. पूजन समापन के बाद समाज की प्रतिभाओं को पुरस्कृत किया गया.

कोरोना काल में मंदिर के पठ बंद

अग्रसेन जयंती महोत्सव पर अग्रसेन महाराज की विधिवत पूजा अर्चना एवं सामूहिक महाआरती की कार्यक्रम आयोजित किया. इस कार्यक्रम में तरूण अग्रवाल मंडल के अध्यक्ष संतोष अग्रवाल अग्रवाल महासभा के जिला अध्यक्ष कृष्ण गोपाल अग्रवाल, महावीर प्रसाद अग्रवाल, राजेश अग्रवाल ,महेश अग्रवाल सहित समाज के बड़े बुजुर्गों के द्वारा समाज की प्रतिभाओं का सम्मान कार्यक्रम के दौरान किया आयोजन में बड़ी संख्या में अग्रवाल समाज के लोग उपस्थित थे.

बैतूल में मनाई गई अग्रसेन जयंती

भक्तों को दर्शन के लिए करना पड़ा घंटों इंतजार

नवरात्रि में भक्त मां की पूजा अर्चना करने के लिए मंदिरों के बाहर भक्त कतार में खड़े रहते हैं, लेकिन विदिशा जिले के सिरोंज के महामाई मंदिर में भक्तों को पूजा अर्चना करना मुश्किल हो गया. एक महिला भक्त को यहां पूजा अर्चना करने के लिए सुबह से करीब 3 बजे तक इंतजार करना पड़ा. वह भी जब तक प्रशासन ने मामले में हस्तक्षेप नहीं किया. तब तक मंदिर के दरवाजे नहीं खुले गये. जानकारी के मुताबिक एक भक्त करीब 40 साल से इस मंदिर में आकर पूजा अर्चना और भंडारा कराती है. साथ ही मौन व्रत रखकर पूजा अर्चना करती है. हर साल महामाई मंदिर में पूजा अर्चना कर 9 दिन माता की सेवा करती हैं. लेकिन इस बार नवरात्रि के पहले ही दिन मंदिर में ताले लगे होने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा.

भजन कीर्तन करते लोग

प्रशासन के हस्ताक्षेप के बाद खुला मंदिर

मामला सामने आने के बाद तत्काल थाना प्रभारी एवं नायब तहसीलदार अनीता पटेल मौके पर पहुंची जहां उन्होंने मंदिर समिति के निर्णय का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया. मामले की खबर लगते ही जिला प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर बड़ी मशक्कत के बाद समझा-बुझाकर मंदिर खुलवाया. यहां तक की सरकार के आदेश है कि नवरात्रों में सभी मंदिर खोले जाए जानकारी के अनुसार इस मंदिर का संचालन भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा एवं पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के भाई लल्ली कांत शर्मा पुजारी की देख-रेख में होता है और वे ही इस मंदिर के पुजारी हैं.

इस बार के नवरात्र में दिखा कोरोना का असर

नवरात्रि में दिखा कोरोना का असर

शक्ति की भक्ति का पर्व कहलाने वाले नवरात्र की शनिवार से शुरु हो चुके है. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते पिछले साल की तुलना कम स्थानों पर ही मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित हो पाई हैं. जगह-जगह पंडाल बनाने का काम आज दिनभर चलता रहा. हर साल की अपेक्षा इस साल शहर भर में मां दुर्गा की झांकियों का असर कम देखा गया या हम यूं भी कह सकते हैं हर साल की अपेक्षा इस साल मां दुर्गा की प्रतिमाओं की झांकियां कम लगी.

बिना भक्तों के माता का पांडाल

शहर में भी इसके पहले से नवरात्र को लेकर तैयारियों का शोर नजर नहीं आया लेकिन लोगों की उत्साह में भी कमी दिखाई दी. हिंदुओं को इस महत्वपूर्ण त्यौहार को लेकर बाजार में भी खरीदारी का दौर शुरू हो गया है. पिछले कई दिनों से कोरोना के चलते रुकी हुई जिंदगी आने वाले 9 दिनों तक भक्ति और उत्साह में डूबी नजर आएगी हालांकि इस बार सार्वजनिक स्थानों पर पिछले साल की तुलना कम प्रतिमाएं स्थापित होंगी.

हिंदू उत्सव समिति के मुताबिक पिछले साल 170 स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित हुए थे. इस बार यह संख्या घटाकर 125 ही रह गई है. गाइडलाइन के कारण विवादों और बाद में कुछ संशोधन होने के कारण दुर्गा उत्सव समितियों की संख्या घटी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details