विदिशा। पूरा विश्व इस वक्त कोरोना महामारी से जूझ रहा है. देश में भी कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 50 हजार के पार पहुंच चुका है. कोरोना वॉरियर्स दिन रात अपनी जान जोखिम में डालकर इस लड़ाई को लड़ रहे हैं. विदिशा जिले के राजू पेंटर भी कोरोना वॉरियर्स से कम नहीं हैं. राजू ने अपनी कला के दम पर लोगों को जागरूक करने की मुहिम शुरू की है. दीवारों पर स्लोगन लिखकर राजू लोगों को कोरोना से बचाव के उपाय बता रहे हैं. पर्यटन नगरी सांची की खामोश दीवारों पर ये अल्फाज भी इन दिनों कोराना से जीतने का संदेश दे रहे हैं. शहर के तिराहे हों या चौराहे, गांव के काका-काकी हों या शहर के अंकल-आंटी राजू पेंटर के स्लोगन सभी को जागरूक कर रहे हैं.
स्लोगन राइटर, बना कोरोना फाइटर, महामारी के खिलाफ शुरू की जागरूता की मुहिम
विदिशा जिले के सांची जनपद में राजू पेंटर लोगों को अपनी कला के जरिए कोरोना से बचने के उपाय बता रहे हैं. राजू ने गांव और शहरी इलाकों में दीवारों पर स्लोगन लिखकर एक सराहनीय अभियान शुरू किया है.
'कोरोना की एक ही दवाई, घरों में रहो भाई' ये कहना है राजू पेंटर का. जो गांव-गांव और शहर-शहर जाकर लोगों को अपने स्लोगन के जरिए कोरोना से बचाव के उपाय बता रहे हैं. 45 साल के राजू बीबीए एलएलबी हैं. लेकिन पेंटिंग करना इनका शौक है और शौक अब व्यवसाय भी बन गया है.कहा जाता है कि, कलाकार के पास सृजन की क्षमता होती है. उसी क्षमता का उपयोग, राजू कोरोना के प्रति अलख जगाने में कर रहे हैं और अपनी कला के जरिए कोरोना के इस जंग में किसी सैनिक की तरह डटे हुए हैं.
राजू पेंटर पैदल ही अपना झोला उठाकर चलते हैं. वो अब तक शहर और गांवों की दीवारों पर कई स्लोगन लिख चुके हैं. इस काम के लिए उन्हें कोई आर्थिक मदद भी नहीं मिलती. लेकिन राजू ने जागरुकता की इस मुहिम में स्लोगन लिखना अपनी आदत बना लिया है. उनका उद्देश्य सांची जनपद के तहत आने वाले 77 गांव तक इस संदेश को पहुंचाना है. राजू के इस काम की हर कोई तारीफ कर रहा है. राजू का मकसद है कि उनके जरिए ज्यादा से ज्यादा गांव में कोरोना के प्रति जागरूकता फैले.