विदिशा।कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में प्रदेश सरकार में दिहाड़ी मजदूरों को मुफ्त में राशन देने की घोषणा की थी, ताकि मजदूर अपने परिवार का पेट पाल सकें. मजदूरों को राशन तो दिया जा रहा है, लेकिन वह चावल खाने के लायक नहीं है. उपभोक्ता का कहना है कि चावल में धूल और कीड़े पड़ हुए हैं जिसको खाने से वह बीमार हो सकते हैं.
सरकारी राशन दुकान से उपभोक्ता को मिल रहा खराब चावल, सीएम से की जांच की मांग - विदिशा न्यूज
विदिशा के शमशाबाद में सरकारी राशन की दुकान से मजदूरों को दिए जाने वाले चावल में कीड़े लगे हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि एक तरफ सरकार लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए लॉकडाउन लागू कर रखी है वहीं उपभोक्ता अधिकारियों की मनमानी से गरीबों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
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उपभोक्ता को मिल रहा खराब चावल
उपभोक्ता को मिल रहा खराब चावल
विदिशा के शमशाबाद में उपभोक्ता दुकानों पर अधिकारियों की मनमानी से दिहाड़ी मजदूरों को खराब चावल दिया जा रहा है. उपभोक्ताओं का कहना है कि एक तरफ सरकार ने लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए लॉकडाउन लागू किया है. वहीं उपभोक्ता अधिकारियों की मनमानी से गरीबों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. वहीं उपभोक्ता ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि इसकी जांच कराई जाए.