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Vidisha MP विदिशा शहर में भी बसता है बृज धाम, यहां 300 साल पुरानी वृंदावन की गलियां - श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर विदिशा

विदिशा शहर में एक क्षेत्र ऐसा भी है जो पूरी तरह से कृष्ण भगवान को समर्पित है. शहर के प्राचीन क्षेत्र में वैष्णव संप्रदाय के लोग रहते हैं. यहां नंद बाबा यानी गोकुल और वृंदावन की गलियां हैं. यहां भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न स्वरूप में अति प्राचीन मंदिर हैं. राधा जी भी अपनी सखियों और दासियों के साथ यहां लगभग 300 साल से विराजित हैं. यहां भगवान श्री कृष्ण अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ लक्ष्मीनारायण मंदिर में विराजे हैं. Brij Dham in Vidisha, 300 years old temple, Streets of Vrindavan in Vidisha, Laxmi Narayan Mandir Vidisha MP

Laxmi Narayan Mandir Vidisha MP
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर विदिशा

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Published : Aug 29, 2022, 1:59 PM IST

विदिशा। शहर का श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर जगदीश धाम नंदवाना आज भी दिव्य ऊर्जा से श्रद्धालुओ के आकर्षण का केंद्र है. जगन्नाथ जी की रथ यात्रा वाले दिन यहां पूरा शहर दर्शन करने आता है. भगवान जगन्नाथ स्वयं रथ पर सवार होकर पूरे शहर का भ्रमण करने जाते है. यहां वर्षभर धार्मिक आयोजन होते रहते हैं. यहां पर स्थित मंदिरों की भव्यता और दिव्यता के कारण और वर्ष भर यहां होने वाले धार्मिक अनुष्ठान और आयोजनों से यह क्षेत्र बृज भूमि सा लगता है.

श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर विदिशा

ठाकुर जी के रूप में दर्शन :इस मंदिर से थोड़ी दूर चलने पर पतली सी गलियों में श्री जी का मंदिर है. यहां श्री कृष्ण भगवान की श्री नाथ जी के स्वरूप में पूजन किया जाता है. यहां द्वारकाधीश जी ठाकुरजी के रूप में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. मंदिर के मुखिया मनमोहन शर्मा बताते हैं कि श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में भगवान सबकी प्रार्थना सुनते हैं. सभी की मनोकामना पूरी करते हैं. मंदिर से आगे जाने पर वृंदावन गली मार्ग में बड़े बालाजी का मंदिर है. मुख्य द्वार के सामने बाल रूप में हनुमान जी की बड़ी प्रतिमा है और बगल में बालाजी की प्रतिमा है.

श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर विदिशा
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर विदिशा
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर विदिशा
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर विदिशा
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर विदिशा

Krishna Temple Without Idol राधाकृष्ण के इस अनोखे मंदिर में नहीं है कोई मूर्ति, कृष्ण के ज्ञान की होती है उपासना

बालाजी भी विष्णुजी का स्वरूप :बालाजी भी श्रीकृष्ण की तरह विष्णुजी का स्वरूप हैं. इस मंदिर से थोड़ा यानी मंदिर के पीछे वृंदावन गली है, जहां राधाजी का भव्य एवं अति प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर के पट सिर्फ राधा अष्टमी को खुलते हैं. उस दिन सारा शहर राधाजी और उनकी सखियों के दर्शनों के लिए उमड़ता है. प्रदेश के बड़े नेता भी यहां आते हैं. यहां वर्षभर गुप्त पूजा होती है. Brij Dham in Vidisha, 300 years old temple, Streets of Vrindavan in Vidisha

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