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कर्नाटक में फंसे मध्य प्रदेश के 70 मजदूर, सांप-बिच्छुओं के बीच सोने को हैं मजबूर - lockdown

कर्नाटक में फंसे विदिशा जिले के मजदूरों ने ईटीवी भारत को फोन करके बताया कि, प्रदेश के 70 मजदूर पिछले दो महीने से फंसे हुए हैं, जिनकी प्रशासन द्वारा कोई मदद नहीं की जा रही है, साथ ही हेल्पलाइनों नंबर पर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.

70 laborers of the state trapped in Karnataka
कर्नाटक में फंसे प्रदेश के 70 मजदूर

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Published : May 18, 2020, 5:13 PM IST

विदिशा। जिले के 70 से अधिक मजदूर लॉकडाउन के चलते पिछले दो महीने से कर्नाटक के धारवाड़ जिले में फंसे हुए हैं. इन मजदूरों में 22 विदिशा के हैं और बाकी सिरोंज के रहने वाले हैं. मजदूरों का कहना है कि, जिस कंपनी में वो काम करते थे, उसने लॉकडाउन लगने के बाद कुछ समय तक तो काम दिया, लेकिन अब तो कंपनी ने भी उनको निकाल दिया है, ऐसे में वो लोग खुले मैदान में रह रहे हैं. जहां पर हर दिन सांप-बिच्छू निकलते हैं. मजदूरों का कहना है कि, हर जगह वो गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सुनवाई कहीं नहीं हो रही है.

कर्नाटक में फंसे मजदूरों ने ईटीवी भारत से फोन पर की बात

सिरोंज के मजदूर गुलकी शक्ति ने अपनी पीड़ा मोबाइल पर चर्चा करते हुए ईटीवी भारत को सुनाई. उसने बताया कि, वो सभी फरवरी के महीने में कर्नाटक आए थे, विदिशा जिले के अलावा उनके साथ उमरिया और कटनी जिले के लोग भी हैं. वो सभी ट्रेन से जुड़े सामान बनाने वाली कंपनी में काम करते थे. जब लॉकडाउन शुरू हुआ, तो कंपनी ने तंबू में ठहरा दिया. शुरू में कंपनी ने भी साथ दिया और खाने-पीने का प्रबंध किया, लेकिन अब कंपनी ने उन्हें तंबू से भी हटा दिया है. उन सभी मजदूरों को खुले मैदान में ही खाना-पीना पड़ रहा है.

मध्यप्रदेश जाने के नाम पर कर्नाटक प्रशासन ने नहीं की मदद

गुलकी ने बताया कि, इस बीच स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस ने भी उनकी चिंता की और कई बार जानकारी लेने भी आए, लेकिन जब वापस मध्यप्रदेश जाने की बात की, तो उन्होंने भी कोई मदद नहीं की.

मध्यप्रदेश के हेल्पलाइन नंबर पर नहीं हुआ शिकायतों का समाधान

गुलकी के साथ ठहरे शमशाबाद के भारत सिंह मालिया के गांव के रहने वाले हैं, भारत सिंह और आरती भाई ने बताया कि, जिस तहसील में वो रहते हैं, वहां पर रेलवे स्टेशन भी है. कुछ दिनों से ट्रेनें भी निकल रही हैं. उन लोगों ने ट्रेन से जाने का प्रयास किया, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई. मजदूरों को लोगों ने मध्य प्रदेश में विदिशा के अधिकारियों के जो नंबर दिए थे, उन पर भी उन लोगों ने बात की, लेकिन सभी व्यवस्थाएं करने का हवाला देकर बात खत्म कर देते हैं. कई बार हेल्पलाइन नंबर पर भी कॉल किया, तो वहां से भी हर बार जवाब आता था कि, संपर्क करने के लिए धन्यवाद हमने आपकी शिकायत नोट कर ली है. लेकिन शिकायत के बाद समस्या का समाधान आज तक नहीं हुआ.

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