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अब Whatsapp Group से जंगली हाथिओं पर होगी निगरानी, वन विभाग और ग्रामीणों को मिलेगी हर मूवमेंट की जानकारी

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Published : Nov 3, 2022, 12:09 PM IST

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) के पनपथा कोर रेंज इलाके (Umariya Panpatha core range area) में हाथियों के आतंक से यहां के रहवासी परेशान हैं. (Umariya Terror of elephants) इन हांथियों के झुंड ने ग्रामीण की पूरी फसल चौपट कर दी. इस बात को लेकर गांव के लोगों में काफी आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि आए दिन हाथियों के द्वारा उनके फसलों और घरों को नुकसान पहुंचाया जाता है पर वन विभाग द्वारा इसे गंभीरता से नही लिया जाता. पिछले महीने इस बात को लेकर गांव के लोगों ने ताला में धरना भी दिया गया था पर उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ. आश्वासन देकर उन्हें शांत करा दिया गया था. हालांकि मामले को लेकर फील्ड डायरेक्टर का कहना है कि, Whatsapp Group बनाया गया है. इससे हाथियों के मूवमेंट की जानकारी मिलेगी.

Umaria wild elephant terror
उमरिया जंगली हाथिओं का आतंक

उमरिया।बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर रेंज (Umariya Panpatha core range area) में जंगली हाथियों के झुंड का खतरा बना हुआ है.(Bandhavgarh Tiger Reserve) वन विभाग का अमला पूरी रात सक्रिय होकर लोगों को समझाइश देने का काम कर रहा है. (Umariya Terror of elephants) हाथियों के झुंड ने कई ग्राम के खेतों में पहुंचकर किसानों की फसलों को नष्ट कर दिया. यहां पहुंचे हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया और काफी नुकसान पहुंचाया है. हालांकि वन विभाग का अमला लोगों को और हाथियों को संभालने में जुटा हुआ है. हाथियों के झुंड ने कुछ दिनों पहले भी आतंक मचा दिया था जिसकी वजह से सतना उमरिया रोड पर यातायात भी रोकना पड़ा था. (Umaria wild elephant terror)

हाथिओं के उत्पात से ग्रामीण परेशान:बताया गया कि पिछले 3 सालों से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में छत्तीसगढ़ और झारखंड से आए हुए हाथियों के कई झुंड बने हुए हैं. बांधवगढ़ में 35-40 जंगली हाथियों का झुंड सक्रिय हैं जो अलग-अलग झुंड में अलग-अलग स्थानों पर घूमते रहते हैं. यह हाथी कई बार ग्रामीण क्षेत्रों के आसपास पहुंच जाते हैं, जिसकी वजह से यहां रहने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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Whatsapp Group से निगरानी:हाथियों के खतरे को देखते हुए इस बारे में जानकारी देते हुए फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि पतोर रेंजर द्वारा रात में गश्त की व्यवस्था की गई है. रात में अलग-अलग वाहनों से वन विभाग के कर्मचारी गांव में पहुंचते हैं और ग्रामीणों के साथ गस्त करते हैं. पतोर रेंज में बेहतर व्यवस्था बनाने की कोशिश की जा रही है. ग्रामीणों के साथ वन विभाग के कर्मचारी हाथियों को खदेड़ने का काम कर रहे हैं, किसी तरीके से फसल और गांव को होने वाले नुकसान को बचाने की कोशिश की जा रही है. इतना ही नहीं पतोर रेंजर ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बना दिया है. जिसके माध्यम से हाथियों के मूवमेंट की जानकारी ग्रामीणों तक पहुंचती है. (Umaria wild elephant terror)

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