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बंद खदानों को लेकर बैठक, अवैध उत्खनन में लगे लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का लिया गया निर्णय - Umaria high level meeting concluded

जोहिला क्षेत्र में बंद खदानों से अवैध उत्खनन को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की गई. इसमें अवैध उत्खनन में लगे लोगो को स्वरोजगार से जोड़ेने का निर्णय लिया गया.

Umaria high level meeting concluded
बंद खदानों को लेकर बैठक

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Published : Feb 1, 2023, 8:43 PM IST

उमरिया।कोयले की बंद खदानों में हो रहे अवैध उत्खनन के लिए बुलाई आपातकालीन उच्चस्तरीय बैठक संपन्न हुई. बैठक में बांधवगढ़ विधायक शिवनारायण सिंह सहित जोहिला क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सहित पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक में प्रेजेंटेशन के माध्यम से बंद पड़ी खदानों में हो रहे अवैध उत्खनन की जानकारी दी गई. बांधवगढ़ क्षेत्र के विधायक शिवनारायण सिंह ने कहा कि, पुलिस प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन के साथ साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से इस अवैध उत्खनन में लगे लोगो को रोका जाएगा. साथ ही ऐसे तमाम लोगो को चिन्हित कर उन्हें शासन की विभिन्न हितग्राही योजना के माध्यम से उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.

अशिक्षित कामगार को मिले रोजगार:मुख्य प्रबंधक (खनन) के द्वारा जोहिला क्षेत्र के उन स्थानों का पावर प्वाईन्ट के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया गया. जहां अवैध उत्खनन हो रहा है या फिर होने की सम्भावना है. महाप्रबंधक जोहिला क्षेत्र प्रदीप कुमार ने कहा कि, शहडोल जिले के धनपुरी में जो घटना हुई हैं वह हमारे माइनिंग कम्युनिटी के लिए और कोयला खदान के आसपास के क्षेत्रों के लिए काफी दुखद है. जितनी भी कोयला खदाने जिन्हें हम डीजीएमएस के मानक के अनुसार सील करते हैं. उसके सील की दीवार को तोड़कर हमारे जो अगल बगल के क्षेत्र के अशिक्षित कामगार है. जिन्हें उस जोखिम का आभास नही है वो लोग अंदर जाकर असुरक्षित तरीके से खनन करते है. उसमें बहुत तरह की दुर्घटनाएं संभावित रहती है.

अवैध उत्खनन बंद करने का प्रयास:उमरिया जिले में कोई इस तरह अनहोनी ना हो यह पूरा प्रयास है. नौरोजाबाद और पाली उपक्षेत्र में सील की गई जिन खदानों को पुनः तोड़कर अवैध खनन किया जा रहा हैं. वहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पुलिस और जनसहयोग के माध्यम से अवैध उत्खनन को बंद किया जाएगा. महाप्रबंधक जोहिला क्षेत्र प्रदीप कुमार ने आगे बताया कि, नौरोजाबाद क्षेत्र की दो बंद खदानों सहित वर्तमान में संचालित कंचन खुली खदान में हाई वाल से नीचे उतर कर आसपास के गांव के निवासी कोयले की सीम की अन्दर कटिंग कर रहे हैं. जिससे उनके जान का जोखिम हो सकता है.

बैठक में ये अधिकारी उपस्थित:नौरोजाबाद सोसायटी के अध्यक्ष मनीष सिंह ने कहा कि, आर्थिक रूप से कमजोर जन परिवार के भरण पोषण के लिए जान का जोखिम उठाकर यह काम करते हैं, हमारा यह प्रयास होगा कि, उन्हें स्थानीय नगरीय प्रशासन और मध्यप्रदेश शासन की तमाम जन हितैसी योजनाओं के माध्यम से जोड़कर उन्हें रोजगार प्रदान करें. बैठक में उपस्थित तहसीलदार नौरोजाबाद पंकज नयन तिवारी, थाना प्रभारी ज्ञानेंद्र सिंह एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी नौरोजाबाद किशन सिंह द्वारा पूर्ण सहयोग की बात कही गई। इस अवसर नगरपालिका परिषद के समस्त वर्तमान पार्षदों के द्वारा भी अपने सुझाव अवैध उत्खनन की रोकथाम पर दिये गये जिस पर महाप्रबंधक जोहिला क्षेत्र के क्षेत्र के विधायक एवं प्रशासन से अवैध उत्खनन रोकने में सहयोग की अपील की. सीआईएसएफ, एसआईएसएफ के साथ जोहिला क्षेत्र के समस्त विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे.

खदान के अंदर घुसने का लालच:जिले के नौरोजाबाद और पाली क्षेत्र में ऐसी कई बंद पड़ी कोयला खदान है जिसे अब कबाड़ कारोबारी संचालित करते हैं. कबाड़ कारोबारियों के द्वारा गरीब तबके के लोगों को पैसे का लालच देकर उन्हें बंद खदान के अंदर घुसने और फिर उनसे निकाले गए लोहा और अन्य कबाड़ को खरीद कर कई गुना पैसे कमाते हैं, जबकि कई बार गरीब मजदूरों की जान भी चली जाती है. यहां पर कबाड़ कारोबारियों के द्वारा बंद खदानों से चोरी छुपे अवैध रूप से सरकारी संपत्ति को चुराकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं. हालांकि इसमें वह अकेले नहीं बल्कि स्थानीय पुलिस भी अपना हफ्ता, महीना लेकर अपनी सहमति दे रखी है. यही हाल पाली क्षेत्र का भी है बंद कोयला खदानों के अलावा संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में भी चोरी करवाते हैं.

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7 मजदूरों की हुई थी मौत:हाल ही में शहडोल जिले के धनपुरी थाना क्षेत्र में बंद कोयला खदान यूजी माइंस में कबाड़ चोरी करने घुसे मजदूरों की जहरीली गैस से दम घुटने में 7 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके कारण पूरे संभाग और प्रदेश में जिला प्रशासन सहित पुलिस की भी बहुत बदनामी हुई है. बावजूद इसके उमरिया जिले का जिला प्रशासन इन कबाड़ कारोबारियों पर लगाम लगाने और इनके खिलाफ कार्यवाही करने से परहेज कर रहा है. जबकि कई सालों से कबाड़ का कारोबार कर रहे कबाड़ियों के द्वारा ना जाने कितने मजदूरों की बलि बंद खदानों में चढ़ा दी है.

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