उमरिया। बांधवगढ़ से उड़ीसा के सतकोशिया टाइगर रिजर्व भेजी गई बाघिन सुंदरी अब कान्हा टाइगर रिजर्व में रहने के तौर-तरीके सीख रही है. सुंदरी को कान्हा के मुक्की गेट के पास घोरेला के इंक्लोजर में रखा गया है, जहां उसे नए सिरे से जंगल में रहना सिखाया जाएगा. यह बाघिन पिछले दो सालों से सतकोशिया टाइगर रिजर्व में बाड़े के अंदर थी, जिसकी वजह से इसका खुले जंगल से संम्पक पूरी तरह से टूट गया था. खुले जंगल में कैसे रहा जाता है, यह इस बाघिन को सिखाने के लिए अलग-अलग चरणों में उसे अलग-अलग तरह के शिकार भेजे जाएंगे और फिर जब वह पूरी तरह से अभ्यस्त हो जाएगी, तब उसे खुले जंगल में छोड़ा जाएगा.
वर्ष 2018 में भेजा गया था सतकोशिया टाइगर रिजर्व
उड़ीसा में बाघ स्थापना कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2018 में बांधवगढ़ से बाघिन सुंदरी को सतकोसिया भेजा गया था, सतकोशिया में कुछ अवांछित घटनाओं के पश्चात बाघिन को क्षेत्रीय नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिगत गत दो वर्ष से बाड़े में रखा गया था. भारत सरकार बाघ स्थापना कार्यक्रम की समीक्षा उपरांत कार्यक्रम को स्थगित करते हुए स्थानांतरित बाघिन को मध्यप्रदेश को वापस करने के निर्देश जारी किये थे, इस संबंध में एक याचिका क्रमांक 10912 को म.प्र. उद्यान्यायालय में प्रस्तुत की गई थी.