उमरिया। बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मे बाघों की मौत का सिलसिला जारी है. शुक्रवार को उद्यान क्षेत्र स्थित मानपुर परिक्षेत्र की देवरी बीट में विभागीय अमले को एक उम्रदराज बाघ का शव मिला. मृत बाघ की आयु करीब 13 वर्ष थी. इसकी मौत स्वाभाविक तरीके से होना बताई गई है. पार्क के उप संचालक लवित भारती के मुताबिक विगत 16 जुलाई को इसी बीट मे एक बाघिन घायल अवस्था मे मिली थी जिसे रेस्क्यू कर ताला लाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. विभागीय दल इसी बाघिन के घायल होने के कारणों की जांच में जुटा हुआ था, तभी वहां एक बूढ़े बाघ का शव पाया गया.
बाघ की स्वाभाविक मौत: घटना की सूचना पर वरिष्ठ अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. इस घटना की जांच के लिये एनटीसीए की गाइडलाइन अनुसार इलाके की घेराबंदी कर चारों ओर मेटल डिटेक्टर एवं डॉग स्क्वायड टीम के माध्यम से सर्चिंग कराई गई. पोस्टमार्टम उपरांत बाघ का शवदाह कराया गया. उसके समस्त अवयव (दांत, नाखून) आदि सुरक्षित पाये गये हैं. प्रकरण में पीओआर पंजीवद्ध कर विवचेना की जा रही है. प्रारंभिक तौर पर बाघ की मौत स्वाभाविक तरीके से होना माना जा रहा है.
बीते सप्ताह इसी क्षेत्र में मिला था बाघिन का शव:डब्लू सी सी बी के अलर्ट के बाद पांच दिन पहले 16 जुलाई 2023 को हुई बाघिन की मौत का रहस्य गहरा गया है. दरअसल पांच दिन पहले घायल अवस्था में मिली बाघिन को काफी उपचार के बाद भी नहीं बचाया जा सका था. बाघिन की पीठ पर चोट थी जिसे मौत की वजह बताया जा रहा है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि बाघिन को यह चोट कैसे लगी थी. यही कारण है कि डब्लू सी सी बी के अलर्ट के बाद बाघिन की मौत का रहस्य और भी गहरा गया है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बाघिन की मौत किसी दूसरे बाघ से फाइटिंग में हुई थी, शिकार के दौरान चोट लगने से हुई थी अथवा शिकार के कारण हुई है.